कलेक्टर से कंपोजिट बिल्डिंग में खण्डहर कार्यालय को सिफ्ट करने की मांग
सीहोर। डॉ.अंबेडकर सर्वहारा दलित पिछड़ा वर्ग अल्प संख्यक बेजुवान अधिकार परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र खंगराले ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा जिले के कलेक्टर सुदाम खाडे से मांग की है कि भाजपा सरकार में आये दिन दलितों के साथ निरंतर अत्याचार जारी है, किन्तु दलितों लिये संचालित अंतव्यवसायी विभाग जिसमें वर्ष 2008 से दलित हितग्राहियों के लिये भारत सरकार एवं म.प्र.सरकार से सीधे दिये जाने हेतु कोई बजट नहीं है। बैंकों में भी संचालित दलित हितेशी योजनाओं के दलित बैरोजगारों के प्रकरण छ:-छ: माह से भी अधिक बैंकों में लंबित पड़े रहते हैं बैरोजगार युवकों को समय पर ऋण का लाभ नहीं मिल पाता है, जबकि दूर दराज का ग्रामीण दलित व्यक्ति 100 रुपये का ऑटो में किराया देकर लुनिया चौराहा कार्यालय में भटकता हुआ आता है। ऋण नहीं मिलने के कारण निरास होकर घर चला जाता है। अंतव्यवाय निगम भोपाल से सीधे ऋण वितरण हेतु भाजपा सरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम नई दिल्ली को गारंटी देदे जो कि सन 2008 से नहीं दी गई है, जिसके कारण सीधा ऋण हितग्राही को वितरण नहीं हो पा रहा है।
दूसरी ओर महिला बस्ती गृह में अनुसूचित जाति के कल्याण के लिये एक मात्र संचालित लूनिया चौराहे स्थित अंतव्यसायी कार्यालय जो खण्डहर अवस्था में तबदील हो गया है। जिसकी छत भी क्षतिग्रस्त हो रही है, उक्त खण्डहर कार्यालय में जहरिला काला कोबरा सांप ने अपना घर बना लिया है, जो कभी भी कर्मचारियों को हितग्राहियों दिखाई देता रहता है। उक्त कार्यालय के कर्मचारियों को काले सांप की दहशत बनी रहती है। कभी-कभी उकत सांप कर्मचारियों एवं हितग्राहियों को डस सकता है। महिला बस्ती गृह में जो 10 कार्यालय पूर्व से संचालित थे, उन 10 कार्यालयों को नवीन कंपोजिट भवन में सिफ्ट कर दिये गये हैं। उन खाली पड़े कार्यालयों में रात्री होने पर असमाजिक तत्वों के लोग शराब का अड्डा तो बनाते हैं साथ ही महिला बस्ती गृह खण्डहर भवन का ताला तोडक़र अनेतिक कार्य किया जाता है।
अधिकारिता परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र खंगराले ने प्रदेश तथा जिले के आला अधिकारियों से मांग की है कि अनुसूचित जाति के लिये संचालित एक मात्र अंत व्यवसायी कार्यालय को नवीन कलेक्ट्रेट कार्यालय की कंपोजिट भवन में तत्काल सिफ्ट किया जावे। अन्यथा कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। जिसकी सारी जवाबदारी जिला प्रशान एवं प्रदेश शासन की होगी।
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