अब विधायकों को भी ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’

मध्यप्रदेश में सरकार ने विधानसभा से गायब रहने वाले विधायकों पर लगाम कसने के लिए नई तैयारी कर ली है, विधानसभा ने नया नियम जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर विधायकों को रोजाना भत्ता लेना है तो उन्हें प्रतिदिन विधानसभा में उपस्थित रहना होगा। जानकारी के अनुसार इससे पहले विधायक सदन में उपस्थित न रहने पर भी रोजाना भत्ता के लिए दावा कर सकते थे। काम नहीं तो वेतन नहीं वाली व्यवस्‍था हफ्तेभर से ज्यादा छुट्टी पर रहने वाले विधायकों पर ही लागू होती थी। विद्यायी मामलों के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को बताया कि भत्ते में संसोधन वाले बिल में यह साफ-साफ अंकित है कि विधानसभा सत्र के दौरान रोजाना उपस्थिति रजिस्टर पर सदस्यों के हस्ताक्षर होंगे और इसी के आधार पर रोजाना भत्ता दिया जाएगा। मिश्रा ने बताया कि हमने यात्रा भत्ते में भी बढोत्तरी की सिफारिश की है, लेकिन जरूरी यह है कि सभी विधायक जो रोजाना भत्ता लेना चाहते हैं विधासभा में उपस्थित रहें और उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करें।

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