आंध्र बंद से जनजीवन प्रभावित

अमरावती। आंध्र प्रदेश में वामपंथी पार्टियों द्वारा केंद्रीय बजट 2018-19 में राज्य के साथ हुए ‘अन्याय’ को लेकर गुरुवार को दिन भर के लिए बुलाए गए बंद के आह्वान का व्यापक प्रभाव देखा गया और इससे आम जनजीवन प्रभावित रहा। सरकारी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसें नहीं चलीं, जबकि शैक्षिक संस्थान, पेट्रोल पंप, बैंक व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

अधिकारियों ने कहा कि कड़ी सुरक्षा इंतजाम के बीच बंद शांतिपूर्ण रहा। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व कई अन्य छोटी पार्टियों ने बंद का आह्वान किया था, जबकि वाईएसआर कांग्रेस, जना सेना ने इसे अपना समर्थन दिया।

सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के कार्यकर्ताओं ने भी राज्य के कई हिस्सों में अपने सांसदों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए प्रदर्शन किया। तेदेपा के सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में राज्य के साथ ‘न्याय’ करने के लिए प्रदर्शन किया।

सरकार ने एहतियात के तौर पर स्कूलों की छुट्टी घोषित की थी।

वाम पार्टियों के कार्यकर्ता व नेता सुबह से सड़कों पर उतर आए और रास्तों को जाम किया। उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एपीएसआरटीसी डिपो को बंद किया और बसों को बाहर नहीं आने दिया।

विजयवाड़ा में कांग्रेस के नेताओं व वाईएसआर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया।

वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी ने नेल्लोर जिले में अपनी पदयात्रा को रोककर बंद के साथ एकजुटता प्रदर्शित की।

पार्टियों ने केंद्र सरकार द्वारा बजट में आंध्र प्रदेश पर कम ध्यान देने व आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 को उचित तरीके से लागू करने में विफल रहने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

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