आईएसआई के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़, 11 एजेंट गिरफ्तार

भोपाल। देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बिछाए जाल को भेदने में आतंक रोधी दस्ता (एटीएस) को बड़ी कामयाबी मिली है। मध्य प्रदेश एटीएस ने आईएसआई के भारत में छिपे एजेंटों को पैसे पहुंचाने वाले 11 युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें से पांच को ग्वालियर, तीन को भोपाल और दो को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया है। मुख्य सरगना बलराम को सतना से पकड़ा गया है। एटीएस को बलराम के घर से 100 से ज्यादा सिम कार्ड और करीब इतने ही बैंक खाते भी मिले हैं। इनका इस्तेमाल बातचीत कराने और पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया जा रहा था।
इन गिरफ्तारियों ने फिर साबित किया कि आईएसआई ने साजिशों को अंजाम देने के लिए रणनीति बदल ली है।
अब वह पैसे के बल पर स्थानीय और गैर मुस्लिम युवकों के जरिए भारत में खौफनाक जाल बिछा रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कानपुर के पुखरायां और रूरा रेल हादसे में आईएसआई के हाथ के प्रमाण मिले हैं। उन रेल हादसों में भी गैर मुस्लिमों का इस्तेमाल किया गया था।
सतना से गिरफ्तार मास्टरमाइंड बलराम निजी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए पाकिस्तान से आने वाली इंटरनेट कॉल को मोबाइल कॉल में कन्वर्ट कर चाहे गए नंबरों पर बात भी कराता था। इसके लिए वह चाइनीज सिम बॉक्स का इस्तेमाल कर रहा था। पाकिस्तान से आने वाली कॉल सेना के अधिकारियों को भी किए गए थे। इनके जरिए फर्जी अधिकारी बन कर उनसे जानकारियां हासिल कर ली जाती थीं। इस मामले में तीन राज्यों की एटीएस मिलकर काम कर रही है। वहीं इस पूरे रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी मध्य प्रदेश में की जा रही है।
जम्मू से मिला था मप्र का लिंक
एटीएस चीफ संजीव शमी के अनुसार, नवंबर 2016 में जम्मू के थाना आरएसपुरा में सतविंदर व दादू नाम के दो व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये आईएसआई एजेंट के कहने पर सामरिक महत्व की सैन्य सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भेज रहे थे। सतविंदर को इस काम के लिए सतना के बलराम के माध्यम से पैसे दिए जा रहे थे। बलराम कई बैंक खातों को अलग-अलग नामों से चला रहा था और पाकिस्तानी एजेंट के लगातार संपर्क में था।
कई कॉल सेंटर भी चल रहे थे
एटीएस चीफ के अनुसार, बलराम के खातों में पैसा फर्जी टेलीफोन एक्सचेंजों के माध्यम से आ रहा था और ये कई स्थानों पर संचालित किए जा रहे थे। इन एक्सचेंजों के माध्यम से कॉलर की पहचान छिप जाती है। ऐसे एक्सचेंजों की आड़ में न सिर्फ लॉटरी फ्रॉड बल्कि हवाला जैसे कामों को भी अंजाम दिया जा रहा था। एटीएस की शुरुआती पड़ताल में कुछ टेलीफोन कंपनियों के लोगों के जुड़े होने की बात भी सामने आई है। अभी पुलिस कार्रवाई जारी है।
भाजपा नेत्री का रिश्तेदार भी
इस मामले में ग्वालियर से गिरफ्तार किए गए पांच युवकों में से एक जितेंद्र ठाकुर को ग्वालियर के वार्ड क्रंमाक 58 से भाजपा पार्षद वंदना सतीश यादव का दूर का रिश्तेदार बताया जा रहा है।

इनको पेश किया अदालत में

* बलराम सिंह निवासी संग्राम कॉलोनी, सतना

* कुश पंडित निवासी डी1, चेतक पुरी, झांसी रोड ग्वालियर

* जितेंद्र ठाकुर निवासी एन 8 चेतक पुरी, झांसी रोड ग्वालियर

* रितेश खुल्लर, निवासी द्वारिका अपार्टमेंट, झांसी नाका, ग्वालियर

* जितेंद्र सिंह यादव निवासी निरंकारी बेकरी के सामने ग्वालियर

* त्रिलोक भदौरिया, निवासी शिव कॉलोनी कंपू, ग्वालियर

ऐसे जुटाते थे सूचना

* आरोपी सेना के अफसर बनकर जम्मू-कश्मीर में सैन्यकर्मियों को फोन करते थे और उनसे आॅपरेशन आदि की जानकारी लेते थे।

* निजी एक्सचेंज की आड़ में हवाला और लॉटरी फ्रॉड चल रहा था।

* पाकिस्तान से कुछ खातों में रुपए ट्रांसफर होने का भी सुराग मिला है।

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