उज्जैन: पायलट के शिष्य शैलेषानंदगिरि को महामंडलेश्वर पद से हटाया

उज्जैन. सिंहस्थ के दौरान हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोपों में घिरे ठगराज पालयट बाबा के शिष्य शैलेंद्र व्यास उर्फ शैलेषानंदगिरि को शॉपिंग मॉल में खरीदारी करना और घूमना महंगा पड़ गया. जूना अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है. वहीं इसकी भी जांच की जा रही है कि वह महामंडलेश्वर कैसे बना. जूना अखाड़ा अब शैलेंद्र व्यास के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज करवाएगा.

नलखेड़ा में काटी कॉलोनी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरि महाराज और महामंत्री व जूना अखाड़े के महंत हरिगिरि महाराज ने दबंग दुनिया से चर्चा में बताया कि जूना अखाड़ा ने शैलेषानंदगिरि उर्फ शैलेंद्र व्यास को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है. इसकी जांच भी कराई जाएगी कि संन्यासी बनने के पहले उसकी क्या भूमिका रही है, क्योंकि अखाड़ा परिषद और जूना अखाड़ा को शिकायत मिली है कि शैलेंद्र व्यास ने नलखेड़ा में एक कॉलोनी भी काटी है. इसने वहां पर अपना एक आश्रम भी बना रखा है.

संतों की छवि धूमिल की

नरेंद्रगिरि ने बताया कि संतों में महामंडलेश्वर पद बड़ा महत्वपूर्ण होता है, उनकी समाज में बड़ी जिम्मेदारी होती है. शैलेंद्र व्यास उर्फ शैलेषानंदगिरि ने महामंडलेश्वर बनने के बाद भी अपने गृहस्थ जीवन को कायम रखकर संतों की छवि को धूमिल किया है. जूना अखाड़ा नागा साधुओं का है, यहां संन्यासी बनने वाले को अपना पिंडदान कर गृहस्थ जीवन छोड़कर ही शामिल होना पड़ता है.

गृहस्थ सुख भोगना पड़ा महंगा

एक सप्ताह पूर्व शैलेषानंदगिरि की इंदौर के सी-21 मॉल में जींस-शर्ट पहनी तस्वीर सामने आई थी, जिसे दबंग दुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित कर संन्यासी बनने के बाद गृहस्थ सुख भोगने वाले शैलेंद्र व्यास के असली चेहरे को उजागर किया था, जबकि महामंडलेश्वर सिले हुए कपड़े नहीं पहनते. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और जूना अखाड़ा ने इसे गंभीरता से लिया और शैलेषानंदगिरि को महामंडलेश्वर पद से हटाने का निर्णय लिया.

पायलट के तीनों महामंडलेश्वर विवादों में

सिंहस्थ 2016 में आए पायलट बाबा ने तीन लोगों को जूना अखाड़ा से महामंडलेश्वर बनवाया था, जिसमें एक मुंबई में बार संचालित करने वाला है, एक विदेशी है और तीसरा शैलेंद्र व्यास है. तभी आरोप लगे थे कि पायलट बाबा बड़ा लेनदेन कर महामंडलेश्वर बनाने का खेल कर रहा है. पायलट बाबा वही है, जिस पर कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर हजारों लोगों से लगभग 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है.

जूना अखाड़ा ने सही किया

शैलेषानंदगिरि ने महामंडलेश्वर पद की गरिमा को धूमिल किया है. दबंग दुनिया में प्रकाशित खबर और सोशल मीडिया में उनके गृहस्थ वेशभूषा वाले फोटो देखे गए थे. जूना अखाड़ा ने जो निर्णय लिया है, वह उचित है.

– महंत नरेंद्रगिरि, अध्यक्ष अभा अखाड़ा परिषद

जांचें भी की जाएंगी

जूना अखाड़ा ने शैलेषानंदगिरि को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है. साथ ही उन्होंने यह पदवी कैसे हासिल की और संन्यासी बनने के पहले वह क्या थे, इसकी भी जांच करवाई जाएंगी.

महंत हरिगिरि, महामंत्री अभा अखाड़ा परिषद

 

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