“आलकी की पालकी, जय महाकाल की” के उदघोष से गूँजा सवारी मार्ग
भोपाल :उज्जैन में भगवान महाकाल की श्रावण-भादो मास की पाँचवीं तथा भादो मास की प्रथम सवारी बड़ी धूमधाम के साथ भक्तों के दर्शन के लिये निकली। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सपत्नीक उज्जैन आये और हेलीपेड से सीधे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुँचकर भगवान महाकाल के दर्शन कर सभा-मण्डप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भगवान महाकाल की पालकी को काँधा देकर सवारी को नगर भम्रण की ओर रवाना किया। सवारी मार्ग पर मुख्यमंत्री भक्तिमय होकर झाँझ-मंजीरे बजाते हुए ‘ओम नम: शिवाय” का जाप करते हुए नंगे पैर चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं का अभिवादन भी स्वीकार किया।
सवारी में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन भी उनके साथ थे। सवारी जैसे ही महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर आयी, वैसे ही पुलिस जवानों ने सलामी दी। सवारी मार्ग के आगे-आगे तोपची तोप छोड़कर नगरवासियों को भगवान महाकाल के आने की सूचना दे रहे थे। सवारी के आगे तोपची, इसके बाद घुड़सवार, पुलिस बेण्ड, पुलिस जवान, सशस्त्र पुलिस बल की टुकड़ी, विभिन्न भक्त मण्डलियाँ भगवान महाकाल के गुणगान करते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग ‘आलकी की पालकी, जय महाकाल की” के उदघोष से गूँज रहा था।
रामघाट पर मुख्यमंत्री ने क्षिप्रा के जल से अभिषेक किया
रामघाट पर भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी जैसे ही पहुँची, क्षिप्रा के दोनों तट पर बैठे हजारों श्रद्धालु ने जय महाकाल के उदघोष से स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पैदल रामघाट पहुँचे। रामघाट पहुँचकर मुख्यमंत्री ने सपत्नीक भगवान महाकाल का क्षिप्रा जल से अभिषेक किया। इस मौके पर विधायक सर्वश्री डॉ. मोहन यादव, बहादुर सिंह चौहान और दिलीप सिंह शेखावत भी मौजूद थे।
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