लखनऊ । शिक्षक दिवस पर देशभर के स्कूलों व कालेजों में शिक्षकों का सम्मान किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी में अपने ढाई साल का बकाया वेतन मांग रहे शिक्षा प्रेरकों को पुलिस की लाठी खानी पड़ी। कई घायल हो गए। एक महिला का सिर फूट गया, वह बेहोश हो गई।
बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षा प्रेरकों ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस पर विधानभवन का घेराव करना चाहा। इसके लिए मंगलवार को आदर्श साक्षरता कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश के कई जिलों से शिक्षा प्रेरक चारबाग में एकत्र हुए, पैदल मार्च निकाला।
विधानभवन का घेराव करने पहुंचे शिक्षा प्रेरकों को पुलिस ने रोका और जमकर लाठीचार्ज किया। इस लाठीचार्ज में कई कर्मचारी घायल हो गए। लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई और कई शिक्षा प्रेरक चोटिल हो गए। लाठीचार्ज में एक महिला के सिर में काफी चोट आई, खून बहा और बेहोश हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया।
लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने इन लोगों को धरना स्थल तक खदेड़ दिया। फिलहाल धरनास्थल पर प्रेरकों का प्रदर्शन जारी है।
शिक्षा प्रेरक वे होते हैं , जो अनपढ़ लोगों को शिक्षा का महत्व समझाकर उनके बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने का काम करते हैं।
आदर्श साक्षरता कर्मी वेलफेयर एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह ने बताया कि उन लोगों को पिछले 30 महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेरक को मात्र दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। ये मानदेय भी ढाई साल से नहीं मिलने से प्रेरकों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है।
उन्होंने कहा कि इन प्रेरकों से सरकार अन्य काम भी लेती है, पर उन्हें समय से मानदेय का भुगतान तक नहीं किया जा रहा है।
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