भागलपुर [जेएनएन]। किसी यूनिवर्सिटी की 15 हजार डिग्रियां संदेह के घेरे में आ जाएं तो निश्चित तौर पर यह गंभीर बात है। ऐसा हुआ है तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के साथ। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के निर्देश पर इसकी 15 हजार डिग्रियों की जांच चल रही है। बताया जाता है कि डिग्रियों व अंक पत्रों की जांच के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आधा दर्जन कर्मियों को लगाया है।
हाल के वर्षो में तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी अंतर्गत आने वाले सात जिलों में बड़े पैमाने पर स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार को इस यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियों पर नियुक्ति की लगातार शिकायतें मिलती रही हैं।
शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को जांच करने का निर्देश दिया है।
इसके बाद निगरानी की देखरेख में यूनिवर्सिटी के कर्मचारी डिग्रियों की जांच कर रहे हैं। निगरानी के अफसरों के अनुसार भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा व खगड़िया जिले में नियुक्त शिक्षकों की डिग्रियों की जांच चल रही है। अभी विशेष रूप से बांका जिले के शिक्षकों की जांच की जा रही है। इस क्रम में अंकपत्र व टेबुलेशन रजिस्ट्रर में मिलान किया जा रहा है। जांच में सही पाए जाने वाले अंक व प्रमाण पत्राें को ओके कर निगरानी विभाग को भेजा जा रहा है।
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