देश में GST (माल एवं सेवा कर) लागू होने के बाद निजी दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर लगने वाले एक बारगी पंजीकरण कर को 2 प्रतिशत बढ़ा दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य में चुंगी और स्थानीय निकाय कर समाप्त होने से राजस्व का जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई के लिये यह कदम उठाया गया है। इससे 50 हजार रूपए की मोटरसाइकिल एक हजार रूपए और 5 लाख तक की कार 10 हजार रूप्ए तक महंगी हो गई है। राहत की बात यह है कि यह व्यवस्था अभी केवल महाराष्ट्र में ही लागू हुई है। बाकी राज्यों में इसके लागू होने की संभावना कम है। राज्य के परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस वृद्धि को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है और तत्काल प्रभाव से यह वृद्धि लागू हो गई है।
इससे पहले दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर एक बारगी पंजीकरण कर 8 से 10 प्रतिशत लगता था जो कि अब बढ़कर 10 से 12 प्रतिशत कर दिया गया है। पेट्रोल से चलने वाले वाहनों पर पहले 9 से 11 प्रतिशत पंजीकरण कर था। यह दर बढ़कर 11 से 13 प्रतिशत हो गई।
डीजल की कारों पर इसे 11-13 से बढ़ाकर 13-15 कर दिया गया है। सीएनजी और एलपीजी कारों के लिये इसे 5-7 से बढ़ाकर 7-9 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके साथ ही लग्ज़री आयातित कारों के मामले में कर राशि को अधिकतम 20 लाख रुपए निर्धारित कर दिया है। इससे पहले कुल कार की कीमत पर 20 प्रतिशत का कर वसूला जाता रहा है लेकिन कई मामले सामने आये हैं जब महाराष्ट्र के लोगों ने आयातित कार खरीदी, लेकिन उसका पंजीकरण दूसरे राज्य में कराया जहां कर की दर कम है। इससे राज्य को राजस्व का नुकसान होता रहा है।
इस नुकसान से बचने के लिये राज्य सरकार ने लग्ज़री और महंगी आयातित कारों पर अधिकतम कर को 20 लाख रुपए रखने का फैसला किया है, फिर चाहे कार की कीमत कुछ भी हो।
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