कुछ बात है कि हस्‍ती मिटती नहीं हमारी : नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नववर्ष की पूर्व संध्‍या पर राष्ट्र को संबोधित किया और देशवासियों को कई बड़े तोहफे दिये. मोदी ने लोगों को विश्वास दिलाया कि नव वर्ष में नोटबंदी को लेकर हो रही परेशानियां कम होंगी और बैकिंग व्‍यवस्‍था सुलभ होगा. मोदी ने आवास योजना को लेकर दो बड़ी योजनाओं का ऐलान किया, जिसमें 12 लाख के आवास ऋण पर ब्‍याज में 3 फीसदी और 9 लाख के कर्ज पर 4 फीसदी की छूट दी जाएगी. इसके अलावा गांव में घर बनाने के लिए 2 लाख के कर्ज पर ब्‍याज में 3 फीसदी की छूट दी जाएगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने गर्भवती महिलाओं के लिए 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की.

 

मोदी ने कहा, ये पैसे उनके खातों में सिधे जमा कराया जाएगा. मोदी अपने संबोधन में नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा यह देश के लिए शुद्धि यज्ञ था. आने वाले समय में यह देश की दशा और दिशा तय करेगा. भ्रष्ट्राचार, कालाधन और जाली नोटों के जाल ने साधारण आदमी को भी मजबूरन घूस देना पड़ता था. करोड़ों देशवासी इससे बाहर निकलना चाहते थे.

दिवाली के बाद लगातार देशवासी ढृढ़ संकल्प के साथ बुराईयों को पराजित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. जब हम कहते हैं कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. इस बात को देशवासियों ने जी कर दिखाया है. कभी लगता था सामाजिक जीवन की बुराईयां, विकृतियां हमारे जिंदगी का हिस्सा बन गये हैं. लेकिन इस घटना के बाद इसे पुन : विचार करने पर विवश कर दिया है. हर हिंदुस्तान के लिए अच्छाई महत्व रखती है.

आपने अपना दर्द मुझसे साझा किया

देशवासियों ने जो कष्ट झेला है वो भविष्य के लिए एक मिशाल है. नागरिकोंं ने उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखी है. यह इतिहास की ऐसी मिशाल है जिसमें सरकार और जनता दोनों अच्छाई के लिए मिलकर काम कर रही है. आपको अपना ही पैसा निकालने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ा. मुझे हजारों चिट्ठियां मिली. आपने अपना दर्द मुझसे साझा किया.

नववर्ष में हो सके उतना जल्दी सामान्य स्थिति की तरफ ले जाने की कोशिश होगी. खासकर दूर दराज वाले इलाकों में बैंकों को सामान्य स्थिति में लाने की कोशिश होगी. विश्व में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जिससे इसकी तुलना की जाए. हमारी अर्थव्यवस्था में बढ़े हुए नोट मंहगाई, कालाबजारी बढ़ा रहे थे देश के गरीब से उसका अधिकार छिन रहे थे. अर्थव्यवस्था में नकद का अभाव तकलीफदेह है. कैश का प्रभाव इससे ज्यादा तकलीफदेह होता है. हमारा प्रयास है कि इसका संतुलन बना रहे हैं. अगर आज लाल बहादुर शास्त्री, राम मनोहर लोहिया होते तो देश को आशीर्वाद देते.

देश में सिर्फ 24 लाख लोग दस लाख से ज्यादा कमाते हैं

प्रधानमंत्री ने कहा, हम कबतक सच्चाईयों से मुंह मोड़ते रहेंगे. इसे सुनने के बाद आप हसंगें या गुस्सा आयेगा. देश में सिर्फ 24 लाख लोग स्वीकारते हैं कि उनकी आय दस लाख रूपये से ज्यादा है. आप भी अपने आस पास बड़ी- बड़ी गाड़ियां, कोठियां है. आपको अपने शहर में कई लोग मिलेंगे जो 10 लाख से ज्यादा कमाते हैं. कानून कानून का काम पूरी कठोरता से करेगा. सरकार के लिए इस बात की प्राथमिकता है कि ईमानदारों को मदद और सुरक्षा कैसे मिले.

हिंसा का रास्ता छोड़ नौजवान मुख्य धारा में लौट रहे हैं

देश में नागरिकों से ज्यादा जिम्मेदारी अफसरों की है. ईमानदारों की मदद हो, बेईमान अलग थलग हो. पुरी दुनिया में सर्व सामान्य तथ्य है कि आतंकवाद, नक्सलवाद, हथियार के कारोबार में जुड़े लोग कालेधन पर ही निर्भर रहते हैं यह समाज के लिए नासूर बन गया है. एक फैसले ने बड़ी चोट पहुंचायी है. काफी संख्या में नौजवान हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट रहे हैं. पिछले कुछ दिनों के तथ्यों से यह साफ है कि बईमानी से अपना रास्ता खोजने वाले फंस गये हैं. टेकनोलॉजी ने काफी मदद की है. उन्हें मुख्यधारा में वापस आना होगा.

मध्यम और निम्नमध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर काम करे बैंक

बैंक कर्मचारियों ने नोटबंदी के दौरान काफी मेहनत की. सभी ने सराहणीय काम किया है. कुछ बैंको के गंभीर अपराध भी सामने आये हैं. ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जायेगा. इस ऐतिहासिक अवसर पर में बैंकों से आग्रह पूर्वक एक बात कहना चाहता हूं कि इतिहास गवाह है कि हिंदुस्तान के बैंकों में एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में करेंसी इतने कम समय में कभी नहीं आये थे. बैंकों की स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए आग्रह है कि निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग को ध्यान में रखकर काम करे. बैंक लोकहित के गरीब कल्याण के इस अवसर को हाथ से ना जाने दे.

दो नयी योजनाओं का ऐलान

नववर्ष की पूर्व संध्या पर सरकार नागरिकों के लिए कुछ नयी योजनाएं ला रही है. पीएम मोदी ने कहा, स्वतंत्रता के इतने साल के बाद भी लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है. मध्यम वर्ग की पहुंच से भी घर दूर हो गया था. ये घर खरीद सकें इसके लिए सरकार ने आवास योजना में दो बड़े फैसले लिये हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नये घर देने के लिए दो नयी स्कीम बनायी गयी है. इसके तहत 2017 में 9 लाख के कर्ज में 4 फीसदी और 12 लाख के कर्ज पर 3 फीसदी की छूट मिलेगी.

गांवों में बनने वाले घरों की संख्या को बढ़ा दिया गया है. जितने घर बनने वाले थे उससे 33 फीसदी ज्यादा घर बनेंगे. 2017 में जो लोग गांव में अपने घर का निर्माण करना चाहते हैं. उन्हें 2 लाख रुपये तक के ऋण में 3 प्रतिशत ब्याज की छूट दी जायेगी.

किसान और लघु उद्योग के लिए योजना

किसान के कर्ज में ब्याज में सरकार 60 दिन का ब्याज वहन करेगी. नाबाड ने पिछले महीने 21 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी. इसमें सरकार 20 हजार करोड़ रुपये और जोड़ रही है. नाबाड को हो रहे नुकसान का वहन सरकार करेगी. 3 महीने में 3 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जायेगा. किसान क्रेडिट को रुपे कार्ड में बदलने से किसान कहीं पर भी पैसे निकाल सकेंगे.

देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व है उसी प्रकार लघु उद्योग का भी महत्व है. लघु उद्योग के लिए क्रेडिट गारंटी 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करेगी. बैंक छोटे व्यापारी को लोन दे, गारंटी हम लेंगे. सरकार के इस फैसले से छोटे दुकानदार और व्यापारियों को कर्ज मिलेगा. इन पर ब्याज दर भी कम होगी. सरकार ने बैंकों को यह भी कहा है कि छोटे उद्योग के लिए ध्यान दें. कुछ दिन पहले ही सरकार ने छोटे कारोबारियों को टैक्स में राहत देने का फैसला लिया था. अब ऐसे व्यापारी के डिजिटल लेन देने पर उसकी गणना 6 प्रतिशत आय मानकर किया जायेगा. इससे उनका टैक्स कम हो जायेगा.

गर्भवती महिलाओं के लिए 6 हजार की आर्थिेक मदद

अब देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलीवरी के लिए छह हजार रुपये की मदद करेगी. यह राशि सीधे उनके खाते में जमा की जायेगी. यह योजना अभी 53 जिलों में शुरू की जाएगी.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए

मोदी ने वरिष्‍ठ नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए कहा, बैंक में ज्यादा पैसा आने पर बैंक इंट्रेस्ट रेट घटा देते हैं. लेकिन अब वरिष्ठ नागरिकों के साढ़े सात लाख रुपये की राशि पर दस साल के लिए 8 प्रतिशत का ब्‍याज सुनिश्चित किया जायेगा.

राजनीतिक दल

समय आ गया है जब देश के सभी राजनीतिक दल देश की आम लोगों की भावना का ध्यान रखें. सभी दलों ने अपने ऊपर बंधनों को स्वीकार किया है. आवश्यकता है कि पारदर्शिता को प्राथमिकता देने के लिए सही कदम उठायें. हमारे देश में सामान्य नागरिक से लेकर राष्ट्रपति तक लोकसभा और राज्यसभा चुनाव साथ कराने पर अपनी राय दी है. अब समय आ गया है इस पर बहस हो और रास्ता खोला जाए. हमारे देश में हर सकारात्मक पहल के लिए स्थान रहा है.

दिवाली के बाद जो घटनाक्रम रहा निर्णय हुआ नीतियां बनी. इसका मुल्यांकन अर्थशास्त्री करेंगे ही लेकिन देश के नागरिक, इतिहासकार भी करें. देश के देशवासियों ने धैर्य का दर्शन कराया है. कुछ समय के बाद 2017 का नया साल शुरू होगा. आज से 100 साल पहले चंपारण में सत्याग्रह का आंदोलन चला. हमनें देखा है कि अब भी सच्चाई और अच्छाई का मुल्य है. आज महात्मा गांधी नहीं है लेकिन उनका मार्ग सर्वाधिक उपयुक्त है. चंपारण सत्याग्रह के अवसर पर उन्हें याद करते हुए आगे बढ़ेंगे तो इसमें कोई परेशानी नहीं आयेगी. सत्य का आग्रह संपूर्ण सुरक्षा की गारंटी. ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमारा देश पीछे रह जाए. नववर्ष की नयी किरण आ रही है हम नये उज्जवल भविष्य का निर्माण करें.

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