भोपाल। बैतूल निवासी सोनम के गर्भ में शिशु की मौत हो चुकी है। वक्त बीतने के साथ ही उसकी हालत नाजुक होती जा रही है। ऐसे में परिजन उसे शनिवार रात सुल्तानिया अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां तत्काल आॅपरेशन होना तो दूर पलंग भी आठ घंटे की जद्दोजहद के बाद नसीब हुआ। हालत ये है कि यहां आॅपरेशन से पहले खून की जांच तक के लिए परिजन को जूझना पड़ा। जैसे-तैसे उन्होंने निजी लैब से जांच करवाई गई, लेकिन रविवार को छुट्टी के कारण आॅपरेशन के लिए सोमवार तक इंतजार करना पड़ेगा। बैतूल निवासी सोनम की यह हालत तब है जबकि तीन दिन पहले सुल्तानिया के बाथरूम में प्रसव के बाद शिशु की मौत से महकमे में खलबली मच चुकी है। अधिकारी सुधार के लिए तमाम निर्देश दे चुके हैं। अकेली सोनम ही नहीं अन्य मरीजों के लिए भी वही मुश्किलों से आज भी हैं। खासतौर से खून की जांच के मामले में ज्याद दिक्कतें हैं।
शनिवार को जीएमसी डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने अस्पताल में खून की जांच की वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए थे, लेकिन रविवार को भी लोगों को निजी लैब का सहारा लेना पड़ा। गौरतलब है किसुल्तानिया में आने वाली ज्यादातर महिलाएं एनिमिक होती हैं। प्रसूति या आॅपरेशन से पूर्व फौरन खून की जरूरत होती है। अस्पताल में मिनी ब्लड बैंक है, लेकिन इमरजेंसी में खून की जांच का इंतजाम नहीं होने से यहां बाहर से जांच कराने की हिदायत दी जाती है।
350 से 2000 रुपए तक
सुल्तानिया में आने वाली ज्यादातर महिलाएं एनिमिक होती हैं। प्रसूति या आॅपरेशन से पूर्व फौरन खून की जरूरत होती है।
अस्पताल में मिनी ब्लड बैंक है, लेकिन इमरजेंसी में खून की जांच का इंतजाम नहीं होने से यहां बाहर से जांच कराने की हिदायत दी जाती है।
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