New Delhi नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का थाना सेक्टर-49 पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने मंगलवार सुबह फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर संचालक समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को अब भी मामले में एक तकनीक विशेषज्ञ, अमेरिकी नागरिकों का डाटा बेचने वाला और हवाला कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति की तलाश है।
एसएसपी डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठगने वाला गिरोह पहली बार नोएडा पुलिस के हत्थे चढ़ा है। गिरोह का मास्टरमाइंड और फर्जी कॉल सेंटर का संचालक पीपली चौक मकराना नागौर राजस्थान निवासी भवानी सिंह है।
12वीं पास भवानी करीब दो माह पहले नोएडा आया था। इससे पहले उसने अपने दोस्त नितिश के साथ गुरुग्राम के ऐसे ही एक फर्जी कॉल सेंटर में लगभग छह माह तक नौकरी कर फर्जीवाड़ा सीखा।
गुरुग्राम के ऑफिस पर छापा पड़ने के बाद सभी गिरफ्तार हो गए। नितिश भी जेल गया था। उस दिन छुट्टी पर होने के कारण भवानी सिंह बच गया था। इसके बाद करीब डेढ़ माह पहले उसने नोएडा के सेक्टर-59 में किराये पर बिल्डिंग लेकर अपना फर्जी कॉल सेंटर खोल लिया।
मामले में पुलिस को अभी भी इनके कॉल सेंटर का सेटअप तैयार करने वाले तकनीक विशेषज्ञ शंभू, आरोपियों को अमेरिका के नागरिकों का डाटा उपलब्ध कराने वाले और हवाला के जरिये इन लोगों को विदेशी मुद्रा का भुगतान भारतीय मुद्रा में करने वाले राजस्थान निवासी विनय की पुलिस को तलाश है।
खास मशीन के सहारे इंटरनेट से ठगी fake call center – फोटो : राजन राय एसएसपी ने बताया कि आरोपी फर्जी कॉल सेंटर में कंप्यूटर पर मेसेज टाइप कर उसे अमेरिका में बोली जाने वाली अंग्रेजी में वाइस मेसेज के तौर पर कनवर्ट कर लेते थे।
इसके बाद ये लोग मेसेज को अमेरिका के नागरिकों के लैंडलाइन व मोबाइल फोन पर भेजते थे और लोन दिलाने का झांसा देते थे। मेसेज में एक टोल फ्री नंबर भी दिया जाता था, इस पर फोन मिलाने पर यह कॉल भारत के इस फर्जी कॉल सेंटर के लैंडलाइन पर आती थी।
खास बात ये है कि अमेरिका के नागरिकों को पता नहीं चलता था कि उनके पास भारत से मेसेज आया है या फोन पर उनकी बात भारत में हो रही है। मेसेज और कॉलिंग में उन्हें अमेरिका का ही नंबर दिखता था।
इसके लिए आरोपी एक खास मशीन का इस्तेमाल करते थे जो इंटरनेट से चलती है। ये मशीन और कॉल सेंटर का सेटअप तकनीक विशेष शंभू ने तैयार किया था, जो फरार है।
झांसे में आने के बाद आरोपी लोन प्रक्रिया शुरू करने से पहले फाइल चार्ज के तौर पर 100-200 डॉलर वसूलते थे। फाइल चार्ज लेने के बाद संबंधित नागरिक से संपर्क तोड़ दिया जाता था।
गिफ्ट कार्ड के जरिये लेते थे भुगतान fake call center – फोटो : rajan rai एसएसपी ने बताया कि आरोपी किसी शिकार को झांसे में लेने के बाद उससे फाइल चार्ज के लिए 100-200 डॉलर की कीमत का एप्पल कंपनी का गिफ्ट कार्ड (आई ट्यून कार्ड) खरीदने को कहते थे।
इसके बाद उस कार्ड का 16 अंकों का गोपनीय नंबर लेकर, अमेरिका में बैठे एजेंटों द्वारा कमीशन पर बेच देते थे। कमीशन के तौर पर डॉलर में प्राप्त होने वाली रकम को विनय भारतीय मुद्रा में बदलकर भवानी को देता था। विनय के हवाला कारोबार से जुड़े होने की आशंका है।
डाटा बेचने वाले मर्चेंट का लगाया जा रहा पता
एसएसपी ने बताया कि ये गिरोह किसी मर्चेंट के जरिये अमेरिका के नागरिकों का नाम, पता व फोन नंबर सहित अन्य गोपनीय जानकारी लेते थे। इसके बाद उसकी जानकारी के साथ वाइस मेसेज बनाकर उसके फोन पर भेजते थे।
इससे शिकार को आसानी से भरोसा हो जाता था। ये गोपनीय डाटा भवानी की ईमेल आईडी पर आता था। साइबर क्राइम सेल की टीम आरोपी की ईमेल खंगाल उस मर्चेंट तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
साथ ही, फर्जी कॉल सेंटर से बरामद कंप्यूटरों का डाटा खंगालकर पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आरोपी अब तक कितने अमेरिका के नागरिकों के साथ फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। आरोपियों से पूछताछ के अनुसार करोड़ों रुपये में फर्जीवाड़ा होने की आशंका है।
ईमेल व वेबसाइट का नहीं करते थे इस्तेमाल fake call center – फोटो : rajan rai सीओ तृतीय श्वेताभ पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपने कॉल सेंटर का कोई नाम नहीं रखा था। न ही इन्होंने अपने कॉल सेंटर की कोई ईमेल आईडी बनाई थी और न ही कोई वेबसाइट थी।
ऐसा इन लोगों ने पुलिस से बचने के लिए किया था, ताकि कोई भी इंटरनेट के जरिये इन तक न पहुंच सके। आरोपी अमेरिका के नागरिकों को उनके यहां की फाइनेंस कंपनी पेय डे द्वारा लोन दिलाने का झांसा देते थे। पर्सनल लोन की तरह ये लोन भी 4000 से 5000 डॉलर तक की राशि का ऑफर किया जाता था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
कॉल सेंटर में काम करने वाले सिरोही राजस्थान निवासी दयाशंकर, अक्षय कुमार, वसीम खान, पुलकित, इंशाक, जय कल्वानी, किरन कुमार, वसीम व राजकमल, नागौर राजस्थान निवासी राहुल, जूनागढ़ गुजरात निवासी गौतम राठौर, मंडावली पूर्वी दिल्ली निवासी धीरज कुमार, गांधीनगर गुजरात निवासी हरीश कुमार व्यास, फतेहपुरा दाघेड़ गुजरात निवासी हेमंत अग्रवाल, अहमदाबाद गुजरात निवासी दीपक कुमार व संदीप भवसार, भावनगर गुजरात निवासी मयंक हलवाडिया, नागपुर महाराष्ट्र निवासी राजहंस, संत कबीर नगर उत्तर प्रदेश निवासी प्रसून श्रीवास्तव, गुरुग्राम हरियाणा निवासी मंजीत यादव व सचिन यादव और सलाई हापुड़ निवासी अमीर अहमद को भी पुलिस ने ए-3 सेक्टर-59 स्थित फर्जी कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया है। यहां से पुलिस को 23 कंप्यूटर, मोबाइल फोन, छह इलेक्ट्रिक चिप और 12 डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं।
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