चैटिंग ऐप बदल रहा है बातों का संसार

दुनिया भर के लोगों को चैट करना ख़ूब पसंद है. मोबाइल फ़ोन के ज़रिए अब चैट करना सहज और आसान होता जा रहा है, ऐसे में लोग टेक्स्ट, फ़ोटो, वॉइस, वीडियो या फिर इन सबके मिले जुले रूप को चैट में आजमा रहे हैं.

ऐसे चैट के लिए ख़ास तौर पर बने ऐपों की संख्या भी बढ़ रही है. आप कौन सा चैट ऐप इस्तेमाल करते हैं- व्हॉट्सऐप, स्नैपचैट, वीबर या फिर लाइन? वैसे यह काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप दुनिया के किस कोने में रह रहे हैं.

मसलन अगर आप चीन में रह रहे हों, तो वहां सबसे बड़ा चैट नेटवर्क वीचैट है. जापान में लाइन सबसे आगे है. जबकि कोरिया में काकाओ टॉक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है. कनाडा और अमरीका में लोग किक को पसंद करते हैं.

 

जबकि भारत में हाइक को और अरब देशों में पालरिंगो एंड सोमा को.जैसे जैसे चैट ऐप को इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ रही है, वैसे वैसे इन तकनीकी कंपनियों की क़ीमत भी बढ़ रही है. मसलन स्नैपचैट की क़ीमत करीब 20 अरब डॉलर (1280 अरब रूपये) आंकी गई है.

फ़ेसबुक ने व्हाट्सऐप को 2014 में 22 अरब डॉलर में खरीदा था. इस सप्ताह ऐप ने अपनी गोपनीय नीति में बदलाव किया है जिसके बाद से इसके एक अरब यूजर्स का डेटा फेसबुक को मिल जाएगा.

बीते जुलाई में लाइन का बाज़ार मूल्य भी करीब 6 अरब डॉलर आंका गया. इतना ही नहीं चैट नेटवर्क भी अब एक दूसरे में निवेश कर रहे हैं. चीन की वीचैट नेटवर्क ने हाल ही में भारत के हाइक नेटवर्क में 17.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है.

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बाज़ार में इतने प्लेटफॉर्म के लिए गुंजाइश है? क्या हमलोग इतना चैट करते हैं?

1993 में अमरीकी रिसर्चर जेम्स सी मैकरोस्की और वर्जिनिया पी रिचमंड ने टॉकहोलिक स्केल बनाया था, जिसकी मदद से उन लोगों की पहचान संभव है जो जानते हैं कि वे लगातार और अनिवार्य रूप से ज़्यादा बात करते हैं.

चैटिंग ऐप और यूजर्स
ऐप शुरुआत यूजर्स
व्हाट्सऐप अमरीका 1 अरब
फ़ेसबुक मैसेंजर अमरीका 90 करोड़
वीबर इसराइल 78.4 करोड़
वीचैट चीन 76.2 करोड़
लाइन जापान 56 करोड़
इंस्टाग्राम अमरीका 50 करोड़
किक कनाडा 27.5 करोड़
स्नैपचैट अमरीका 22 करोड़
हाइक भारत 10 करोड़
पालरिंग ब्रिटेन 4 करोड़
(स्रोत- Statista)    

दो दशक बाद भी यह स्केल उन लोगों पर इस्तेमाल हो सकता है जिन्हें अपने मोबाइल फ़ोन की लत लगी होती है.

पहले तो एसएमएस और टेक्स्ट मैसेज के जरिए ही बात संभव ही थी, अब तो टेक्स्ट, वीडियो और फोटो के जरिए इंस्टेंट मैसेजिंग का जमाना है.

इसके अलावा इन ऐप के जरिए आप बैंकिंग, शॉपिंग और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.

टेक स्टार्ट अप एक्सीलेटर टेकस्टार्स के इमोन कैरी कहते हैं, “व्हॉट्सऐप, वीचैट, लाइन, स्नैपचैट और दूसरे ऐसे प्लेटफॉर्म आपस में जुड़ रहे हैं, वन स्टॉप शॉप जैसा एप्रोच है, क्योंकि मैसेजिंग ऐप अब लोगों की जिंदगी को कमांड कर रहे हैं.”

ऐसे में कोई नया ऐप ख़ुद को अलग कैसे रख सकता है और भीड़ भरे बाज़ार में अपने यूजर्स को कैसे जोड़े रख सकता है?

कैरी कहते हैं कि इसमें बड़े नेटवर्कों की भूमिका बेहद अहम होने वाली है नहीं तो बाज़ार में सेचुरेशन की स्थिति तो है ही.

उदाहरण के लिए, लंदन स्थित पालरिंगो एक सोशल चैट प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से कोई गेम्स 2000 लोगों के समूह में खेला जा सकता है.

चैट और गेम्स के इस संयोजन के चलते पालरिंगो बीते साल ब्रिटेन में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली कंपनी थी. चैट गेम्स से ही कंपनी को 50 फ़ीसदी राजस्व की आमदनी हो रही थी.

पालरिंगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीम रिय कहते हैं, “चैट नेटवर्क्स बढ़ रहे हैं, वो भी अगल अलग क्षेत्र की ख़ासियत वाले तो हमें कॉमन चीज़ तलाशनी होगी. हमें वह गेम्स में नज़र आया और वो तेज़ी से बढ़ रहा है.”

वायर चैट के अलावा विज्ञापन रहित यूट्यूब के वीडियो और शॉर्ट एनिमेशन वीडियो उपलब्ध कराता है.

इस नेटवर्क के पीछे स्काइप के सह संस्थापक जेनस फ्रीस हैं. नेटवर्क कहना है कि वह हर महीने करीब दो लाख लोगों को आकर्षित कर रही है. नेटवर्क प्राइवेसी को अपना यूएसपी बता रही है.

नेटवर्क के सह संस्थापक और मुख्य तकनीकी अधिकारी एलन ड्यूरिक कहते हैं, “वायर प्राइवेसी को अहमियत देने वाला मैसेजिंग ऐप है जिसके जरिए टेक्स्ट, वाइस, वीडियो और पिक्चर सबकुछ भेजे जा सकते हैं. वो भी इंड टू इंड इनक्रिप्शन के साथ.”

पापुलर चैट ऐप टेलीग्राम में इनक्रिप्शन अहम फ़ीचर है, हालांकि यूरोपीय नेता इसको लेकर चिंता जताने लगे हैं कि ऐसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल चरमपंथी भी कर सकते हैं.

हालांकि इन सबके बाद भी यूजर्स को आकर्षित करने की होड़ बनी हुई है. अगस्त में पिक्चर मैसेजिंग ऐप इंस्टाग्राम ने अपनी स्टोरीज़ फ़ीचर शुरू किया है जहां पर यूजर्स अपने वीडियो, फोटो के साथ कैप्शन को स्लाइड शो के जरिए पोस्ट कर सकते हैं.

यह स्नैपचैट के नेटवर्क पर मौजूद स्टोरीज़ फ़ीचर से काफ़ी मिलता जुलता है. ज़ाहिर है कंटेंट में भले ही दोहराव हो लेकिन चैट नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स कुछ नए की तलाश में एक ऐप से दूसरे ऐप की ओर भागते नज़र आते हैं.

12 से 25 साल के बीच के करीब 30 हज़ार लोगों पर किए एक सर्वे के मुताबिक 43 फ़ीसदी लोग स्नैपचैट की पहले से मौजूद फ़ीचर को छोड़कर इंस्टाग्राम के फ़िल्टर फ़ीचर से जुड़ना पंसद करते हैं.

फ़िल्टर के ज़रिए आप अपनी फोटो को तोड़ मरोड़ सकते हैं, कार्टून का अंदाज दे सकते हैं.

इन सबके बीच बिज़नेस ऐप भी तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे हैं. इंटरकॉम खुद को बिज़नेस प्लेटफॉर्म के तौर पर स्थापित कर रहा है और यह सबसे बेहतर मैसेजिंग ऐप का एहसास देता है. यह 13 हज़ार से ज़्यादा कारोबार से जुड़ा है और एक अरब से ज़्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

इंटरकॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इयोगहन मैक्बे के मुताबिक, “हमें मैसेजिंग में मौजूद संभावनाएं सबसे ज़्यादा उत्साहित करती हैं.”

इस सूची में स्लैक टू फ़्लोक, हिपैचैट टू जैपियर जैसे नेटवर्क भी मौजूद हैं. ज़ाहिर है चैट ऐप का बाज़ार अभी सैचुरेशन तक नहीं पहुंचा है.

2020 तक स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की मौजूदा दो अरब से बढ़कर तीन अरब होने की उम्मीद है, ऐसे में चैटिंग की दुनिया भी बढ़ेगी.

Be the first to comment on "चैटिंग ऐप बदल रहा है बातों का संसार"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!