भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन, जाली नोटों के गोरखधंधे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को आश्चर्य में डालते हुए आज रात मध्यरात्रि से 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों के प्रचलन को समाप्त करने की घोषणा की।
राष्ट्र के नाम अपने पहले टेलीविजन संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रात 12 बजे से 1000 रूपये और 500 रूपये की रकम वैध नहीं होगी। 1000 रूपये और 500 रूपये के नोट कागज के टुकड़े रह जाएंगे और उनका कोई मूल्य नहीं होगा।
आइए, हम आपको बताते है भातीय नोटों की कुछ रोचक बातें
एक हजार रुपये का नोट
1954 में 1000 रुपये का नोट पहली बार जारी हुआ
1978 जनवरी में भी 1000 रुपये का नोट बंद किया गया
2000 में दूसरी बार 1000 रुपये का नोट जारी हुआ था
पांच सौ का रुपये का नोट
1987 अक्तूबर में पहली बार जारी हुआ
2005 में सुरक्षा की दृष्टि से नोट में कुछ बदलाव किये गये
1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपए का नोट भारत में छापा था।
1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने पेपर करंसी छापी, यह पांच का नोट था
इसी साल 10 रुपये, 100 रुपये के नोट छापे गए।
1954 में एक बार फिर से 1,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे गए। साथ ही 5,000 रुपए के नोट की भी छपाई की गई।
1954 में 10,000 और 5,000 रुपए के नोट छापे गए
1978 में 10,000 और 5,000 के नोट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
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