जिम्बाब्वे की परिस्थिति से तालमेल बिठाना भारतीय युवा टीम के लिए चुनौती

नई दिल्ली | जिम्बाब्वे दौरे पर रवाना होने से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कोच संजय बांगर ने बुधवार को कहा कि स्थानीय परिस्थितियों से तालमेल बिठाना भारतीय युवा टीम के लिए चुनौती होगा। भारत को जिम्बाब्वे दौरे पर तीन एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेलने हैं। कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी के नेतृत्व में इस दौरे पर गई भारतीय टीम में कई युवा चेहरे हैं।

बांगर का मानना है कि भारतीय टीम 2013 और 2015 की तरह इस बार भी जिम्बाब्वे का सूपड़ा साफ करेगी।

बीसीसीआई डॉट टीवी ने बांगर के हवाले से कहा, “यह युवा खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन मौका है। इससे उन्हें अपने आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परखने का मौका मिलेगा।

यह नए सत्र की शुरुआत है और युवा खिलाड़ियों के लिए अच्छा प्रदर्शन कर अपना निशान छोड़ने का मौका है जिससे वह टीम में शामिल होने की कतार में खड़े रहें।”

बांगर ने इस दौरे के लिए उन्हें टीम का कोच नियुक्त करने के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद भी दिया है।

बांगर ने कहा, “वहां जाने से पहले कुछ चीजें हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। हमें उनकी टीम के खिलाड़ियों की व्यक्तिगत ताकत से वाकिफ होना पड़ेगा। जहां वे खेलते हैं, उसके बारे में पता लगाना होगा। इन सबको देखकर एक रणनीति बनानी पड़ेगी।”

बांगर ने कहा, “हम जानते हैं कि वे क्या कर सकते हैं और हम टीम सरंचना के लिए उनकी ताकत पर ध्यान दे सकते हैं। टीम के ज्यादा खिलाड़ी जिम्बाब्वे में नहीं खेले हैं। ऐसे में इतने कम समय में हालात से सामंजस्य बिठाना हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी।”

युवा टीम पर भरोसा जताते हुए बांगर ने कहा, “सभी ने भारतीय टीम में शामिल होने के लिए काफी मेहनत की है। हर कोई अपने दिन पर टीम को मैच जिता सकता है।”

उन्होंने कहा, “हमारे पास स्पिन गेंदबाज हैं जो मैच का रुख पलट सकते हैं और साथ ही विशेष दक्षता वाले तेज गेंदबाज भी हैं। हमारे पास धवल कुलकर्णी हैं। उनके पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अनुभव है। उनके पास नियंत्रण है और वह गेंद को स्विंग भी करा सकते हैं।”

बांगर ने कहा, “इसके बाद हमारे पास जसप्रीत बुमराह है। वह जब से टीम में आए हैं, सीख ही रहे हैं। बरेंदर सरन ऐसे गेंदबाज हैं जिनके पास अपनी अलग प्रतिभा है। हमारे पास ऋषि धवन और युजवेन्द्र चहल हैं जिन्होंने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है।”

बल्लेबाजी पर बांगर ने कहा, “बल्लेबाजी में हमारे पास मनीष पांडे हैं। सभी ने देखा था कि उन्होंने सिडनी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगा कर टीम को मैच जिताया था। हमारे पास केदार जाधव और अंबाती रायडू जैसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने पिछले जिम्बाब्वे दौरे पर शतक लगाए थे।”

बांगर ने कहा कि टीम आक्रामक खेल खेलना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, “हम वहां जाकर उसी तरह की क्रिकेट खेलेंगे जिसके लिए भारतीय टीम जानी जाती है।”

Be the first to comment on "जिम्बाब्वे की परिस्थिति से तालमेल बिठाना भारतीय युवा टीम के लिए चुनौती"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!