जुनैद हत्याकांड: पुलिस की कार्रवाई से गांव में दहशत का माहौल

भैया यू गांव मैं कहा हो रहयौ है। पतौ ना रात कू तो पुलिस आवै है और दिन में ये टेलीविजन बारे। गांव में भगदड़ सी मच रही है। रेल तै नौकरी करने वाले छोरा तो गांव में दिख ही ना रहै। ऐसौ कौन सौ नेता व बड़ौ आदमी मार दियौ है, जो पुलिस याइ गांव के रेल तै जाने वाले छोराननै पकड़-पकड़कै ले जा रही है। यह कहना था खांबी गांव के एक बुजुर्ग का। जब उससे अमर उजाला संवाददाता ने गांव में जाकर जुनैद हत्या कांड में पुलिस द्वारा मंगलवार की रात को उठाए गए लोगों के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया गया। जुनैद हत्याकांड के बाद पुलिस की जांच के दायरे में आए गांव में ट्रेन से फरीदाबाद व दिल्ली नौकरी करने जाने वाले लोगों व युवाओं में दहशत है। पिछले तीन दिन से गांव में ट्रेन से सफर करने वाले लोग घरों से गायब हैं। ऐसा तब हुआ जब मंगलवार की देर रात करीब ढाई बजे जीआरपी व सीआईए की टीम एकाएक खांबी गांव में पहुंची और वहां से घरों के अंदर सोते हुए करीब 15 लोगों को उसी हालत में उठाकर पुलिस की गाड़ में डालकर थाने ले गई।

बाद में दूसरे दिन ही उक्त 15 लोगों में से चार लोगों को जुनैद हत्या कांड के मामले में आरोपी साबित होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि अन्य 11 हिरासत में लिए गए लोगों को गांव के लोगों के पहुंचने के बाद बुधवार की रात करीब 11 बजे छोड़ दिया गया।

पुलिस द्वारा जुनैद हत्याकांड में की गई इस कार्रवाई के बाद गांव में दहशत का सा माहौल है। ट्रेनों से दिल्ली-फरीदाबाद की तरफ जाने वाले लोग तो अपने घरों से ही गायब हैं। वहीं अपनी जान छुड़ाकर वापिस लौटे लोगों का भी गांव में यह बताने को कोई तैयार नहीं है कि वे कहां है। खांबी गांव में जैसे ही कोई बाहर के नंबर की गाड़ी पहुंचती है तो वहां भगदड़ सी मच जाती है और पुरुष तो इधर-उधर बचने का प्रयास करने लगते हैं। मीडिया के पहुंचने के बाद लोग मीडिया के सामने तो आना चाहते हैं, परंतु गांव का हर व्यक्ति इस मामले में कुछ भी कहने से डर रहा है। हालांकि दबी जुबान में लोग जरूर पुलिस की कार्रवाई पर रोष जता रहे हैं।

ट्रेन में जाना किया बंद
जब से पुलिस द्वारा मंगलवार की रात को यह कार्रवाई की गई है, उसके बाद बुधवार से ही दिल्ली-फरीदाबाद की तरफ जाने वाले खांबी गांव के ही नहीं आसपास के गांवों के लोग भी ट्रेन में सफर करने से डर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि खांबी गांव के लोगों ने दो दिन से ट्रेन में जाना ही बंद कर दिया है तथा बसों व अवैध वाहनों का सहारा लेकर नौकरियों पर जा रहे हैं तथा रात को घरों में भी नहीं सो रहे हैं।

मुख्यमंत्री से मिलेंगे लोग
गांव के कुछ लोगों ने यह बात तो खुलकर की कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत थी। जिन लोगों को पुलिस ने उठाया तथा गिरफ्तार किया है, वे सभी निर्दोष हैं, परंतु अपना नाम कोई भी बताने को तैयार नहीं था। उक्त लोगों का कहना था कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलेंगे तथा पुलिस पर जबरन इस तरह की कार्रवाई कर ग्रामीणों को झुठे मुकदमें में फंसाया का विरोध प्रकट करेंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस द्वारा उठाकर ले जाए गए लोगों पर पुलिस ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया था।

ये लोग उठाए थे मंगलवार को पुलिस ने
जुनैद हत्या कांड के मामले में मंगलवार की देर रात जीआरपी पुलिस व सीआइए की टीम ने खांबी गांव में पहुंचकर जिन लोगों को सोते हुए उठाया था, उनमें गिरफ्तार दिखाए गए प्रदीप, रामेश्वर, गौरव, चंदर के अलावा एमसीडी दिल्ली में कार्य करने वाले युधिष्टिर, दिल्ली में अतिथि अध्यापक के पद पर कार्यरत प्रेमराज, प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले नंद किशोर, सरजीत, दिल्ली में ही एक निजी कंपनी में नौकरी करने वाले के भाई जो कि गांव में ही जमींदारी करता है पन्नालाल व गिरफ्तार किए गए गौरव के छोटे भाई 16 वर्षीय सौरभ के अलावा पांच लोग और शामिल थे।

मामला हत्या का है तो दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। इसे किसी जाति या मजहब से नहीं जोडना चाहिए। इस तरह से डर का माहौल नहीं बनाना चाहिए। पुलिस की खांबी गांव से लोगों को इस तरह से रात को उठाने की कार्रवाई पूरी तरह से गलत थी। बिना कपड़े पहने ही बनियान व नेकरों में ही लोगों को उठाकर ले जाना बेहद शर्मनाक बात थी। हमने थाने में जाकर लोगों को कपड़े पहनवाए। यदि पुलिस को ऐसी कार्रवाई करनी थी तो ग्राम पंचायत का सहयोग लेकर कार्रवाई की जा सकती थी। हम पूरा सहयोग करते थे तथा दोषियों को सजा दिलाने में पूरी तरह साथ देते, लेकिन निर्दोषों के साथ कार्रवाई करना पूरी तरह से गलत है।
– हरि दत्त सरपंच गांव खांबी

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