जेटली का दिवाली का तोहफा, GST में छोटे कारोबारियों को राहत, उपभोक्ताओं को फायदा

नई दिल्ली: सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए कंपोजिशन स्कीम की सीमा 75 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दी है। साथ ही निर्यातकों को नकदी की कमी से निजात दिलाने के लिए उन्हें तुरंत प्रभाव से रिफंड देने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यहां जीएसटी परिषद् की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि अब सालाना एक करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले व्यापारी कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण करा सकेंगे। पहले यह सीमा 75 लाख रुपए थी। इस स्कीम के तहत करदाताओं को अपने कारोबार की गणना स्वयं करके एक से पाँच प्रतिशत तक कर भरना होता है। साथ ही उन्हें मासिक की जगह तिमाही रिटर्न भरना होता है। इसके अलावा डेढ़ करोड़ रुपए तक का सालाना कारोबार करने वालों को भी मासिक की जगह तिमाही रिटर्न भरना होगा। इन दोनों फैसलों से 90 प्रतिशत से ज्यादा करदाता लाभांवित होंगे।

जीएसटी के तहत निर्यातकों के लिए रिफंड व्यवस्था तैयार नहीं होने से उनके सामने नकदी की समस्या पैदा हो गई थी। जेटली ने बताया कि रिफंड प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्यों और केंद्र के अधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं। इस साल 10 अक्टूबर से जुलाई महीने के लिए और 18 अक्टूबर से अगस्त महीने के लिए रिफंड प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी और निर्यातकों को जल्द से जल्द रिफंड को चेक दे दिया जाएगा।

ई-वॉलेट नाम की एक स्थायी व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके 01 अप्रैल 2018 तक शुरू होने की उम्मीद है। तब तक निर्यातकों को भविष्य के निर्यात पर 0.1 प्रतिशत कर देना होगा। ई-वॉलेट के तहत निर्यातकों के वॉलेट में एक सांकेतिक मूल्य जमा करा दिया जाएगा और निर्यात के समय उसमें से कर की राशि घटा दी जाएगी। इस प्रकार उसे रिफंड अपने-आप मिल जाएगा।

अब ये चीजें मिलेंगी सस्ती
जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है। ऐसी करीब 27 चीजें है जिनपर राहत मिल गई है। स्लाइ्स ड्राइड मैंगो पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी, खाखड़ा व प्लेन चपाती पर 12 से 5, बच्चों के पैकेज्ड फूड पर 12 से 5, अनब्रैंडेड नमकीन पर 12 से 5, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है। इसके अलावा प्लास्टिक, रबर वेस्ट पर जीएसटी 18 से 5 फीसदी जबकि पेपर वेस्ट पर 12 से 5 फीसदी कर दी गई है। मार्बल और ग्रेनाइट को छोड़कर दूसरे स्टोन, स्टेशनरी, डीजल इंजन के पार्ट्स पर जीएसटी 28 से 18 फीसदी कर दी गई है। ईवेस्ट पर जीएसटी 28 से 5 फीसदी कर दी गई है। सर्विसेज में जरी के काम और आर्टिफिशल जूलरी पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।

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