पेशे से अधिवक्ता विजयशंकर मिश्रा की चार बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी आरती दिल्ली में सरकारी टीचर है जबकि तीन बेटियां अर्चना मिश्रा, अंजना मिश्रा और आशु मिश्रा तीनों ने रीवा विश्विद्यालय से एक साथ पीएचडी की है।
एक ही परिवार से एक साथ पीएचडी होने पर लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में इनका नाम दर्ज हुआ है। अर्चना मिश्रा ने इतिहास विषय में भारत की परम्पराओं में बंधी नारी एक अध्ययन, अंजना मिश्रा ने स्टडी ऑन ड्रिंकिंग वॉटर क्वालिटी एण्ड वॉटर बोन डिजीजेस ऑफ रीवा और आसू मिश्रा ने एसेसमेंट ऑफ फिजिको केमिकल्स एण्ड बायोलॉजिकल्स प्रोफाइल ऑफ पोटोवल वॉटर ऑफ डिस्ट्रिक सतना पर पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
अर्चना मिश्रा ने बताया कि तीनों बहनों ने एक साथ पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था और तीनो का एक साथ 27 अगस्त 2014 में पीएचडी कम्प्लीट हुआ है। इस उपलब्धि के पीछे उनके माता-पिता का अथक प्रयास है।
अर्चना ने कहा कि हम चार बहनों को लड़की होने के बावजूद माता-पिता ने खूब पढ़ाया। परिवार का स्नेह मिला। माता-पिता भी बेटियों की इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने चारों लड़कियों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। विजय शंकर मिश्रा ने कहा कि बच्चों की इस उपलब्धि से मैं बेहद गौरवान्वित हूं।
जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दी बधाई
जनसंपर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य और रीवा के प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने रीवा जिले की तीन बहनों सुश्री अर्चना मिश्रा, सुश्री अंजना और सुश्री अंशू को पीएच.डी. पूर्ण होने और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज होने पर हार्दिक बधाई दी है।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि निश्चित ही यह एक विशेष उपलब्धि है। रीवा जिले के छोटे-से गाँव रकरिया के एक मध्यमवर्गीय परिवार की तीन बहनों ने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से अपनी पीएच.डी. एक साथ पूरी की। विपरीत परिस्थितियों में की गई कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है कि तीनों ने महत्वपूर्ण शोध पूरा कर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने आशा व्यक्त की है कि मध्यप्रदेश में बेटियाँ सरकार और समाज के सहयोग से विभिन्न क्षेत्र में इसी तरह कामयाबी हासिल करती रहेंगी।
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