दारुल उलूम में राहुल गांधी ने इस्लाम जानने की इच्छा जताई

दारुल उलूम पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उलेमा से मुलाकात कर इस्लाम जानने की इच्छा जाहिर की। इस दौरान उलेमा ने उनके ही सवाल पर कहा कि पिछले दो दशकों से दारुल उलूम में विदेशी छात्रों को प्रवेश के लिए केंद्र सरकारों ने वीजा पर रोक लगा रखी है। उलेमा-ए-कराम ने गांधी खानदान के दारुल उलूम से संबंधों का जिक्र भी किया।

राहुल गांधी से बातचीत के दौरान उलेमा-ए-कराम ने मौजादा वक्त में हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल दिया। साथ ही दोनों वर्गों के बीच बढ़ रही दूरियों पर्र ंचता व्यक्त की।

दारुल उलूम गेस्ट हाउस में संस्था के उलेमा-ए-कराम से वार्ता करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी से मुखातिब होते हुए उनसे इस्लाम मजहब की जानकारी की इच्छा जाहिर की।

 

कहा कि संस्था उनके लिए एक ऐसा आलिम मुहैया कराए जो उन्हें इस्लाम के बारे में समझा सके। राहुल ने अपने पिछले दौरे का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या विदेशों से आने वाले तलबा के वीजा संबंधी समस्यायों का हल हुआ। इस पर मोहतमिम ने कहा कि पिछले दो दशकों से केंद्र में जो भी सरकार रही है उसने उनकी मांग पर कभी ध्यान नहीं दिया। राहुल ने उलेमा-ए-कराम को आश्वस्त किया कि वह शीघ्र ही इस समस्या का अपने स्तर से हल कराएंगे।

दारुल उलूम से राहुल गांधी सीधे दारुल उलूम वक्फ के सदर मोहतमिम एवं मुस्लिम पर्सनल-लॉ-बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना सालिम कासमी के निवास पर पहुंचे। मौलाना सालिम कासमी ने देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर्र ंचता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में आपसी भाईचारे की सख्त जरूरत है। लेकिन मौजूदा वक्त में मुल्क में हालात इस तरह के बन रहे हैं कि दोनों कौमें आपसी भाईचारे से दूर हो रही हैं। कासमी ने कहा कि मुल्क सेकुलर रहेगा तभी तरक्की करेगा। लौटते वक्त राहुल गांधी नगर की प्रसिद्ध दरगाह हजरत शाह विलायत भी पहुंचे और वहां दुआ की।

दारुल उलूम गेस्ट हाउस में करीब 12 मिनट मोहतमिम से वार्ता के दौरान सियासत पर उलेमा ने राहुल गांधी से कोई बात नहीं की। हालांकि राहुल गांधी ने यूपी में अपनी यात्रा का जिक्र किया लेकिन दारुल उलूम ने खामोशी के साथ उनकी बात सुनी। वक्फ दारुल उलूम के सदर मोहतमिम से वार्ता के दौरान भी सियासत पर कोई गुफ्तगू नहीं हुई लेकिन सदर मोहतमिम ने बढ़ती असहिषुण्ता पर्रंचता जताते हुए मुल्क में आपसी भाईचारे पर बल दिया। यहां राहुल गांधी आठ मिनट रहे और इस दौरान आपसी संबंधों और मुल्क के भाईचारे पर ही उनकी बात हुई।

एसपीजी की कड़ी सुरक्षा के चलते वरिष्ठ कांग्रेसी भी राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर सके। राहुल के साथ प्रदेश उपाध्क्ष इमरान मसूद, जिलाध्यक्ष शशि वालिया, देवबंद विधायक माविया अली, साद सिद्दीकी ही मौजूद रह सके। इस दौरान उत्तराखंड से पहुंचे पूर्व विधायक काजी निजामउद्दीन के नेतृत्व में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजा अबरार सिंह और अमित तायल ने स्वागत किया। वहीं, स्थानीय कांग्रेसियों नगराध्यक्ष तंजीम सिद्दीकी, मजाहिर हसन, शहजाद उस्मानी, राहत खलील, सेठ कुलदीप, अशरफ भारती, अनवार सिद्दीकी, पप्पू प्रधान, मुकेश चौधरी, कासिम गोपाल, विनोद पटेल आदि ने भी स्वागत किया।

दारुल उलूम में राहुल गांधी ने मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी, नायब मोहतमिम मौलाना खालिक मद्रासी, मौलाना अबुल खालिक संभली, मौलाना सलमान बिजनौरी और मौलाना शौकत बस्तवी से मुलाकात की। वहीं, दारुल उलूम वक्फ के सदर मोहतमिम मौलाना सालिम कासमी के निवास पर मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी, शकेब कासमी, मौलाना अदनान कासमी, मौलाना हाफिज आसिम, मौलाना दिलशाद कासमी मौजूद रहे।

दारुल उलूम पहुंचे राहुल गांधी को दारुल उलूम मोहतमिम ने संस्था के इतिहास से संबंधित दो पुस्तकें भेंट की। जंग-ए-आजादी में दारुल उलूम से जुड़े उलेमा का इतिहास बताते हुए कांग्रेस के साथ संबंधों की जानकारी नायब मोहतमिम मौलाना अबुल खालिक मद्रासी ने दी। वहीं, वक्फ दारुल उलूम के सदर मोहतमिम मौलाना सालिम कासमी ने राहुल गांधी को खानदान-ए-कासमी के साथ पंडित नेहरू और राहुल की दादी श्रीमती इंदिरा गांधी से संबंधों की जानकारी दी। राहुल गांधी ने उन्हें अपना निजी मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि वह उनके साथ कभी भी बात कर सकते हैं।

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