नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 29 अक्टूबर 2005 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में गुरुवार को अदालत का फैसला आ चुका है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए एक आरोपी को दोषी करार दिया जबकी अन्य दो आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
खबर है कि कोर्ट ने आरोपी तारिक अहमद डार की अब तक जेल में सजा के तौर पर बिताए गए समय को उचित ठहराते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट का यह फैसला दिल्ली पुलिस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
गौर हो कि 29 अक्टूबर, 2005 को धनतेरस के मौके पर दिल्ली के सरोजनी नगर इलाके में सीरियल ब्लास्ट हुआ था, जिसमें करीब 60 लोगों की मौत हो गई थी।
मामले में लश्कर ए तैयब्बा के कथित आतंकी तारिक अहमद डार सहित 3 लोगों पर देशद्रोह और हत्या के संगीन धाराओं में मुकदमा चल रहा था।
आपको बता दें कि इस ब्लास्ट के मामले में तारिक अहमद डार, हुसैन फाजली और रफीक शाह को आरोपी बताया गया था। बता दें कि मामले में सोमवार को ही अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह फैसला सुनाने वाले थे, लेकिन उन्होंने इसके लिए गुरुवार का दिन तय किया था।
बता दें कि सभी आरोपियों के खिलाफ पटियाला कोर्ट ने 2008 में आरोप तय किए थे। गौर हो कि मामले में तारिक अहमद डार को मास्टरमाइंड बताया गया है। दिल्ली पुलिस के चार्जशीट में कहा गया था कि तारिक अहमद डार आतंकी गुट लश्कर से संबंध रखता था और उसके फोन कॉल के डिटेल से ये बात साबित भी हुई है।
गौर हो कि गुलाम अहमद खान और फारुख अहमद बाटलु ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को छोड़ दिया था। इस दौरान पहाड़गंज मार्किट, गोविंदपुरी और सरोजनी नगर मार्किट में सीरियल ब्लास्ट किया गया था, जिसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 200 से ज्यादा लोग घायल हुए भी हुए थे।
इस दौरान सरोजनी नगर धमाके में 50, पहाड़गंज में 9, और गोविंदपुरी में भी धमाका किया गया था, इन सभी जगहों पर बस, कार और बाइक में धमाके किए गए थे।
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