बलौदा बाजार। बेटे की चाहत रखने वाले पति ने पत्नी को सर्द रात में सिर्फ इसलिए घर से बाहर निकाल दिया, क्योंकि उसने दोबारा बेटी को जन्म दिया था। दो मासूमों को लिए पीड़िता रातभर घर के बाहर ठिठुरती रही। सुबह होने पर भी जब पति का दिल नहीं पसीजा तो डेढ़ वर्षीय बेटी सीमा को उठाया गोद में व 10 दिन की दुधमुंही को सलीके से डाला झोले में और पहुंच गई बस स्टैंड, यह सोचकर कि कहीं चली जाएगी।
स्थानीय पार्षद की नजर पड़ी तो उसने उसकी मदद की और अपने साथ थाने ले गया। पति को तलब कर थानेदार ने जमकर डांट पिलाई व डराया, तब वह यह वादा कर घर ले गया कि आगे अब कभी प्रताड़ित नहीं करेगा।
बेटियों को लेकर संकीर्ण मानसिकता रखने वाली एक और घटना बलौदाबाजार से 8 किमी दूर भरुवाडीह में सामने आई, जहां के चंदराम से 5 साल पहले रसौटा की रागिनी की शादी हुई थी।
शराबी चंदराम आए दिन रागिनी से मारपीट करता था। बिटिया सीमा के पैदा होने के बाद उसकी प्रताड़ना और बढ़ गई।
चंदराम को बेटे की चाहत थी। 10 दिन पहले रागिनी ने दूसरी बेटी को जन्म दिया। इसके बाद चंदराम और उग्र हो गया। गुरुवार रात चंदराम ने रागिनी को दोनों मासूमों के साथ घर से निकाल दिया। वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती रही।
पुलिस ने जब डराया तो बोली, पति को एक मौका दे दीजिए साहब : बस स्टैंड पर बैठी रागिनी पर वार्ड पार्षद लालू तंवर की नजर पड़ी तो वे उसके पास पहुंचे। पूछा तो रागिनी फफक पड़ी और पूरी कहानी बयां कर दी। तंवर उसे लेकर सिटी कोतवाली पहुंचे। टीआई सुभाष दास और सब इंस्पेक्टर किशोर सोनी ने रागिनी को ढाढस बंधाया और चंदराम को तलब किया।
थाने पहुंचते ही चंदराम गिड़गिड़ाने लगा। टीआई ने जब जेल में डाल देने की धमकी दी तो रागिनी ही हाथ जोड़कर खड़ी हो गई। कहा- साहब, एक मौका दे दीजिए। चंदराम ने ऐसी हरकत नहीं करने का वादा किया और रागिनी व दोनों बेटियों को लेकर घर लौट गया।
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