नर्मदा नदी स्वच्छता में देश भर में बनेगी मिसाल

“नमामि देवि नर्मदे”-सेवा यात्रा
मंत्री श्री रूस्तम सिंह हरदा जिले में यात्रा में हुए शामिल

भोपाल : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा है कि नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन-रेखा है। नर्मदा नदी से प्रदेशवासियों को बिजली, खेतों में पानी और पेयजल मिलता है। हम सब का दायित्व है कि नर्मदा नदी को जन%भागीदारी से संरक्षित और स्वच्छ रखें। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में नर्मदा नदी स्वच्छता के मामले में देश भर में मिसाल बनेगी। मंत्री श्री रूस्तम सिंह आज हरदा जिले में नर्मदा यात्रा के चौथे दिन हरदा ब्लाक के गोला और सिंगोन ग्राम में हुए जनसंवाद को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, हस्तशिल्प विकास निगम के अध्यक्ष श्री नारायण कबीरपंथी, कलेक्टर श्री श्रीकांत बनोठ, पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य प्रताप सिंह मौजूद थे।

यात्रा आज चौथे दिन हंडिया ग्राम से रवाना हुई। यात्रा शुरू होने के पहले नर्मदा नदी के तट पर सामूहिक आरती हुई। इसके बाद ग्रामीणों ने भजनों की प्रस्तुतियाँ भी दी। नर्मदा सेवा यात्रा सबसे पहले ग्राम मालपोन पहुँची जहाँ ग्राम की महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर यात्रा की अगवानी की। गाँव में चारों ओर आकर्षक रांगोली बनाई गई थी। ग्राम मालपोन में ग्रामीणों को नर्मदा नदी की स्वच्छता का संकल्प दिलाया गया। छोटे स्कूली बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े गीतों की प्रस्तुति दी। यात्रा ध्वज और कलश के साथ अगले गाँव गोला पहुँची। स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि वे सौभाग्यशाली है जिन्हें नर्मदा किनारे रहने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर नर्मदा सेवा यात्रा 11 दिसम्बर से अपने उदगम स्थल अमरकंटक से शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी विंध्यपर्वत अमरकंटक से निकलकर प्रदेश के 16 जिलों में 1 हजार 77 किलोमीटर की यात्रा करती है। नर्मदा नदी से प्रदेश की 4 करोड़ आबादी को पेयजल मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह तय किया है कि नर्मदा नदी के दोनों तटों पर फलदार वृक्ष लगाए जायेंगे। ये फलदार वृक्ष सरकारी और निजी जमीनों पर लगाए जायेंगे। मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि फलदार वृक्ष लगाने से किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि नर्मदा नदी के तटों को साफ रखा जाये। तटों पर पूजन सामग्री विर्सजन कुण्ड बनाए जायेंगे। यदि हम सब तय कर ले कि हम दूषित सामग्री नर्मदा नदी में नहीं बहायेंगे तो हम नर्मदा को स्वच्छ देख सकेंगे।

यात्रा अपने अगले पड़ाव ग्राम सिगोन पहुँची जहाँ जन-संवाद शासकीय माध्यमिक शाला में हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत में बड़ी संख्या में ग्रामीणों को नर्मदा नदी स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया गया। स्वास्थ्य मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा 144 दिन में नर्मदा तट के 1100 गाँव पहुँचेगी। यात्रा का समापन 11 मई को होगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी ग्लेशियर नदी नहीं है, नदी को पानी आस-पास के वनों के वृक्षों से मिलता है। हम सब ग्रामीणों को एकत्र होकर पेड़ों की रक्षा करनी होगी। नए पेड़ लगाने होंगे। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे के गाँव में नर्मदा सेवा समिति का गठन एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि समिति में महिलाओं को अधिक से अधिक शामिल किया जाए।

नर्मदा सेवा यात्रा में सायकिल यात्री

नर्मदा सेवा यात्रा में दो सायकिल यात्री सरदार और बी.के. हिन्दुस्तानी भी चल रहे हैं। साठ वर्षीय सरदार ने बताया कि वे सीहोर जिले के इछावर तहसील के काँकर खेड़ा गाँव के हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की नर्मदा सेवा यात्रा एक अच्छी पहल है। इससे प्रभावित होकर वे इस यात्रा में सायकिल के साथ शामिल हो गए है।

होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा के बी.के. हिन्दुस्तानी आँवरी घाट के है। उन्होंने बताया कि उनका जन्म नर्मदा नदी के किनारे हुआ है। पिछले वर्षों में नर्मदा नदी का पानी काफी कम हुआ है। यह मध्यप्रदेश के लिए चिंता का विषय है। श्री हिन्दुस्तानी अमरकंटक से नर्मदा सेवा यात्रा में सायकिल से चल रहे है। उन्होंने बताया कि युवा जागृत हो जाए तो नर्मदा नदी को देश की सबसे अच्छी नदी बना सकते हैं। यात्रा में भगवान शिव के डमरू को लेकर भँवरी बाबा भी चल रहे हैं। उन्होंने बताया है कि वे डमरू की आवाज से ग्रामीणों को नर्मदा के संरक्षण का प्रयास कर रहे है। भँवरी बाबा का कहना है कि यह यात्रा को राजनैतिक यात्रा नहीं है, अपितु सामाजिक बदलाव की यात्रा है। यदि हम सबने नर्मदा नदी के तटों के दोनों ओर पेड़ लगाने के बाद सुरक्षित कर लिया तो आने वाली पीढ़ियाँ हम सबको इस कार्य के लिए याद रखेंगी। यात्रा का आखिरी पड़ाव नयापुरा गाँव में रहेगा। नर्मदा सेवा यात्रा में जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डेय भी चल रहे हैं।

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