पट्टे की जमीन की तलाश में दर-दर भटक रहा है दलित परिवार

राजस्व अधिकारियों के मनमानी के चलते भूखे मरने की कगार पर परिवार
सीहोर। ग्राम धनखेड़ी, तहसील सीहोर निवासी कृषक देवीप्रसाद ने माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी से गुहार लगाते हुए कहा है कि मुझे मेरे परिवार के जीवन यापन हेतु वर्ष 2001 में शासन द्वारा पट््टा प्रदान किया गया था, जिस पर मैं व मेरा परिवार खेती कर अपना जीवन यापन कर रहा था, लेकिन सरपंच की मनमानी के चलते मुझे थोड़ी सी जमीन दी गई, बाकि जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया, जिसको लेकर मेने माननीय कलेक्टर महोदय, तहसीलदार महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को जमीन का कब्जा दिलाने की गुहार लगाई थी।

लेकिन राजस्व अधिकारियों की मीली भगत के चलते मुझे उक्त भूमि का कब्जा नहीं मिला, जिस पर माननीय न्यायालय के आदेश के उपरांत भी आज दिनांक तक पटवारी व तहसीलदार मुझसे चक्कर लगवा रहे हैं। एक बार भी पट्टे की भूमि का सही तरीके से सीमांकन नहीं किया गया। शासन द्वारा दी गई भूमि के बदले मुझे मंदिर स्थित भूमि पर कब्जे को कहा जाता है। यह मेरे साथ सरासर अन्याय है।

यदि राजस्व अधिकारियों द्वारा मुझे भूमि का सीमांकन कराकर कब्जा नहीं दिया गया तो मेरा परिवार भूखे मरने की कगार पर आ जायेगा। माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखकर समाचार पत्रों के माध्यम से मांग की गई है कि दलित गरीब परिवार को दी गई पट्टे की भूमि दिलाई जाय एवं दोषी दबंगों व राजस्व अधिकारियों पर उचि कार्यवाही की जाये।

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