पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए हैं नए नियम

नई दिल्ली। वध के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के अपने फैसले को केंद्र सरकार ने पूरी तरह सही ठहराया है।

पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि यह पशुओं के खिलाफ होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए किया गया है। इस आदेश का लोगों के खाने-पीने की आदत से कोई वास्ता नहीं है।

विपक्ष की ओर से आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। सरकार ने इन आरोपों को अनावश्यक बताया है।

पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि ताजा आदेश का उद्देश्य पशुओं की कालाबाजारी पर रोक लगाना और उनके ऊपर होने वाली क्रूरता को रोकना है।

चूंकि पशु मेले का आयोजन किसानों और पशुपालकों के लाभ के लिए होता है, इसलिए इसमें सिर्फ ऐसे पशु ही बिकने चाहिए, जो स्वस्थ्य हों। साथ ही ऐसे मेलों के दौरान पशुओं की स्वास्थ्य की जांच और उन्हें जरूरी सुविधाओं को मुहैया करवाने पर भी जोर दिया जाएगा।

इससे गैर कानूनी रूप से होने वाली बिक्री पर रोकथाम हो सकेगी। इसके बाद वध करने के लिए पशुओं को सीधे पशुपालकों से खरीदना होगा।

इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने बाकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा था कि ऐसा कोई भी फैसला बिना राज्यों को विश्वास में लिए नहीं किया जा सकता।

खास कर रमजान के महीने के ठीक पहले लिया गया यह फैसला बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा था कि आज सरकार ने पशुओं पर रोक लगाई है, कल को मछली पर भी रोक लगा देगी।

पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि इस फैसले के संबंध में उसके पास जितने भी सुझाव आ रहे हैं, उन सभी को वह गंभीरता से देखेगा और उस आधार पर फैसला करेगा।

 

 

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