समालखा के इस्पात कारोबारी रितेश गर्ग पुत्र राजेंद्र प्रकाश गर्ग ने हुडा सेक्टर-11 स्थित किराये के बंगले में गुरूवार की रात पहले अपने दो बच्चों की जहर देने के बाद गला दबाकर हत्या कर दी, फिर पत्नी के साथ खुद भी फंदे पर झूल गया। हालांकि फंदा खुल जाने के कारण पत्नी की जान बच गई। उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। कारोबारी ने घरेलू कलह के कारण वारदात को अंजाम दिया। कारोबारी बंटवारे में 10 करोड़ रुपये कम मिलने से वह नाराज था। इसको लेकर परिवार में तकरार भी चल रही थी। शुक्रवार सुबह कारोबारी का शव उसके कमरे से और बच्चों के शव ड्राइंग रूम से मिले। पत्नी फर्श पर अचेत हालत में मिली। एफएसएल टीम ने खून और उल्टी से सनी चादर को बरामद कर लिया है। पुलिस ने कारोबारी व उसकी पत्नी का मोबाइल फोन कब्जे में लिया है।
रितेश गर्ग पुत्र राजेंद्र प्रकाश गर्ग मूल निवासी समालखा लोहे के व्यापारी थे। रितेश अपने भाई दिनेश गर्ग के साथ समालखा में लोहे की अपनी तीन फैक्टरी चलाते थे। वहीं गर्ग परिवार लोहे के स्क्रैप का कारोबार भी करता है। राजेंद्र प्रकाश गर्ग और उसकी पत्नी सुशीला गर्ग ने संन्यास ले रखा है। दोनों अधिकांश समय हरिद्वार में ही रहते हैं। पांच माह पहले दोनों भाइयों में प्रॉपर्टी का बंटवारा कर दिया गया था। बताया जाता है कि इस बंटवारे से रितेश असंतुष्ट चल रहा था। इसको लेकर परिवार में तनाव चल रहा था।
इसी तनाव के कारण रितेश गर्ग ने अपने किराये के घर पानीपत सेक्टर-11 स्थित 17 नंबर बंगले में अपने दोनों बच्चों वंश (15) और पुष्टि (10) की गला दबाकर हत्या कर दी। इससे पहले दोनों को जहर देने की भी आशंका है। इसके बाद पत्नी रेखा और रितेश ने भी फंदा लगा लिया। हालांकि, फंदा खुलने से रेखा बच गई। उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए हैं। इस वारदात की सूचना मिलते ही डीएसपी जगदीप दूहन पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
रितेश गर्ग ने ऑफिशियल कागजात व मोबाइल भी जला दिए
रितेश गर्ग के कमरे के बाहर जले हुए कागजात, मोबाइल फोन व मेमोरी कार्ड भी मिले है। इस बात का अंदेशा भी है कि गर्ग ने पहले ऑफिस के जरूरी कागजात जलाए। उन्होंने अपना मोबाइल भी जला दिया। एफएसएल ने मेमोरी कार्ड को कब्जे में लिया है।
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