फूलों की आड़ में सीवेज के पानी से अब भी उगाई जा रही हैं सब्जियां

भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद भी भोपाल के आसपास कुछ क्षेत्रों में सीवेज के पानी से सब्जियां उगाई जा रही हैं। पर्यावरणविद् डॉ. सुभाषचंद्र पांडे ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि एनजीटी ने नगर निगम प्रशासन और पीसीबी को हिदायत दी थी कि सीवेज के पानी का उपयोग सब्जियों की जगह फूलों की खेती में कर सकते हैं। उन्होने कहा कि शाहपुरा झील में मिलने वाले सीवेज के पानी के ट्रीटमेंट के लिए एकांत पार्क में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) तो लगा है, लेकिन इससे पूरे सीवेज का पानी ट्रीट नहीं हो रहा है। कुछ नाले अब भी सीधे खेतों की ओर जा रहे हैं, जिनसे चोरी-छिपे सब्जियों की सिंचाई हो रही है।

नष्ट कराई गई थीं सीवेज से उगाई जा रहीं सब्जियां

एनजीटी के आदेश के बाद तीन साल पहले शाहपुरा लेक से लगे कुछ हिस्सों में झील में मिलने वाले सीवेज का पानी सप्लाई किया जा रहा था। इससे सब्जियों की खेती की जा रही थी, जिसे लेकर डॉ. सुभाषचंद्र पांडे की ओर से एनजीटी में याचिका लगाई गई थी।

बेंच ने सब्जियों के स्थान पर ऐसे खेतों में फूल उगाने के निर्देश दिए थे। साथ ही जहां सीवेज के पानी से सब्जियां उगाई गई थीं, उन्हें खेत में ही नष्ट कराया गया था। बेंच ने सीवेज के पानी को ट्रीट कर खेतों में उपयोग करने को कहा था।

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