बकरे की पीठ पर अरबी में अंकित कलमा शब्द बना चर्चा का विषय

दूर दराज से लोग देखने आ रहे हैं बकरे को

पलवल। बकरे की कमर पर अरबी भाषा में कलमा (ला इलाहा इलल्ला) शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। देशी किस्म के इस बकरे की उम्र लगभग डेढ़ साल बताई गई है। बकरीद के मौके पर बकरे के मौके पर अंकित इन शब्दों को लेकर इसे खरीदने के लिए कई लोग आए।

लेकिन बकरे के मालिक ने अभी तक इसे बेचने का निर्णय नहीं लिया है। यह बकरा शहर के धीरंकी मार्ग पर रहने वाले मुस्तफा का है। उन्होंने घर में आधा दर्जन बकरे व बकरियां पाली हुई है। कई दिन पहले बकरे के शरीर पर अरबी शब्दों को वहां पर आने वाले एक व्यक्ति ने देखा। उसके बाद बकरे को जामा मस्जिद के इमाम मौलाना हाशिम को दिखाया गया।

उन्होंने बताया कि बकरे की शरीर पर अरबी भाषा में लाइलाहा इलल्ला लिखा हुआ है। यह सब कुदरत का करिश्मा है।
यह शब्द कोई बनावटी नहीं बल्कि ये जन्मजात बताए गए हैं। लेकिन इसका पता मालिक को अब लगा है। बकरे के मालिक मुस्तफा का कहना है कि वह वर्षों से कई कई बकरियां पालते आ रहे हैं। उनके घर में देशी किस्म की कई बकरियां हैं। लेकिन बकरे के शरीर पर अरबी भाषा में लिखा कलमा उन्होंने पहली बार देखा। बकरे को देखने के लिए रोजाना कई लोगों की यहां पर आवाजाही बनी हुई।

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