बच्ची के इलाज के लिये अब नहीं जायेंगे झाँसी

भोपाल : दस्तक अभियान में जब स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास की टीम मुरैना जिले के ग्राम बरौली में श्री राघवेन्द्र सिंह के घर पहुँची, तो उन्होंने कहा कि वे अपनी इकलौती बिटिया शिवांशी का पूरा टीकाकरण उत्तरप्रदेश के झाँसी में ही करवाते हैं। हमें यहाँ की चिकित्सा सुविधाओं पर अधिक विश्वास नहीं था। इसलिये शिवांशी का जन्म और टीकाकरण भी झाँसी में ही करवाया। आप लोगों की कार्य-प्रणाली और काम के प्रति समर्पण देखकर पूरी धारणा ही बदल गयी है। अब से हम अपनी बिटिया का इलाज और टीकाकरण यहीं करवायेंगे।

दस्तक अभियान में जब स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास की टीम मुरैना जिले के ग्राम बरौली में श्री राघवेन्द्र सिंह के घर पहुँची, तो उन्होंने कहा कि वे अपनी इकलौती बिटिया शिवांशी का पूरा टीकाकरण उत्तरप्रदेश के झाँसी में ही करवाते हैं। हमें यहाँ की चिकित्सा सुविधाओं पर अधिक विश्वास नहीं था। इसलिये शिवांशी का जन्म और टीकाकरण भी झाँसी में ही करवाया। आप लोगों की कार्य-प्रणाली और काम के प्रति समर्पण देखकर पूरी धारणा ही बदल गयी है। अब से हम अपनी बिटिया का इलाज और टीकाकरण यहीं करवायेंगे।

डेढ़ वर्षीय शिवांशी के माता-पिता से काफी अनुरोध के बाद जब दल ने स्वास्थ्य परीक्षण किया, तो बच्ची को आंशिक एनीमिया पाया गया। माँ सपना को समझाया गया कि आँगनवाड़ी केन्द्र से मंगलवार और शुक्रवार को दिये जाने वाले आयरन फोलिक सिरप शिवांशी को अनिवार्य रूप से पिलायें। दल ने शिवांशी का वजन, खून, निमोनिया, दस्त, निर्जलीकरण की जाँच के साथ टीकाकरण, पूरक पोषक आहार, स्वच्छता, बच्ची की देखभाल की समझाइश जब शिवांशी के माता-पिता और दादी को दी, तो वे बहुत खुश हुए। बच्ची की जाँच से खुश परिवार ने कहा कि ‘अब हमें विश्वास हो गया कि हमारे यहाँ भी इतनी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ हैं, अब हम इलाज के लिये झाँसी नहीं जायेंगे।”

डेढ़ वर्षीय शिवांशी के माता-पिता से काफी अनुरोध के बाद जब दल ने स्वास्थ्य परीक्षण किया, तो बच्ची को आंशिक एनीमिया पाया गया। माँ सपना को समझाया गया कि आँगनवाड़ी केन्द्र से मंगलवार और शुक्रवार को दिये जाने वाले आयरन फोलिक सिरप शिवांशी को अनिवार्य रूप से पिलायें। दल ने शिवांशी का वजन, खून, निमोनिया, दस्त, निर्जलीकरण की जाँच के साथ टीकाकरण, पूरक पोषक आहार, स्वच्छता, बच्ची की देखभाल की समझाइश जब शिवांशी के माता-पिता और दादी को दी, तो वे बहुत खुश हुए। बच्ची की जाँच से खुश परिवार ने कहा कि ‘अब हमें विश्वास हो गया कि हमारे यहाँ भी इतनी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ हैं, अब हम इलाज के लिये झाँसी नहीं जायेंगे।”

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