नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2017-18 का बजट ग्रामीण क्षेत्रों, कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे पर अधिक केंद्रित है। लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा, “बजट तैयार करते समय मेरा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों, बुनियादी ढांचे और गरीबी उन्मूलन पर अधिक व्यय करने पर रहा।”
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दीर्घकालीन लाभ होंगे और इससे अर्थव्यवस्था अधिक साफ-सुथरी होगी। जेटली ने कहा, “पुनर्मुद्रीकरण की रफ्तार बढ़ गई है और यह जल्द ही आरामदायक स्तर तक बढ़ेगी। नोटबंदी का असर अगले साल तक नहीं रहेगा।”
जेटली ने उम्मीद जताई कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक दोनों ने ही भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में उभरती हुई अर्थव्यवस्था के तौर पर चिह्नित किया है।
उन्होंने कहा, “महंगाई नियंत्रित हो गई है। निम्न विकास दर की जगह उच्च विकास दर ने ले ली है और काले धन के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है।” उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में बजट में शामिल प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।देश के इतिहास में पहली बार बजट तय समय से करीब एक महीने पहले पेश हो रहा है। इस बार रेल बजट और आम बजट एक साथ पेश हो रहे हैं, जबकि 1924 से ही रेल बजट अलग से पेश होने की परंपरा रही है।
इस बजट से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं। आम लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80सीसी के तहत कर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद है तो उद्योग जगत को कॉर्पोरेट कर, उत्पाद एवं सीमा शुल्क में सुधार की उम्मीद है।
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