लखनऊ/वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं पर पुलिस की बर्बरता से गुस्साए छात्रों ने लखनऊ से दिल्ली तक सरकार व विश्वविद्यालय के कुलपित के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। छात्राओं के साथ अश्लील हरकत और छेड़खानी की घटना के विरोध में आज यहां एनएसयूआई, आईसा, एसएफआई सहित करीब 20 छात्र और सामाजिक संगठनों ने जतंर मंतर पर दोपहर एक बचे से लेकर चार बजे तक व्यापक प्रदर्शन किया इन संगठनों ने बीएचयू के कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी को तत्काल बर्खास्त करने तथा दोषी छात्र और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय और उत्तर प्रदेश भवन के सामने भी छात्रों और सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किए। इस बीच हिंसा के बाद स्कूल प्रशासन ने आने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। उधर पुलिस ने एक हजार अज्ञात छात्राओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। शनिवार रात को हुए लाठीचार्ज मामले में आखिरकार कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। वहीं, इस दौरान पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के कमिश्नर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
एहतियात के तौर पर प्रशासनिक अनुरोध के बाद काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय समेत जिले के सभी डिग्री कलेजों को भी दो अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। बीएचयू में शनिवार रात को छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में यह कार्रवाई हुई है। बीएचयू स्थित लंका इलाके के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं एसएसपी ने भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी उनके पद से हटा दिया है। जैतपुरा के एसओ संजीव मिश्रा को लंका इलाके का नया एसओ बनाया गया हैं। चूंकि लंका थाना भेलूपुर सर्किल में आता है। भेलूपुर के सर्किल ऑफिसर निवेश कटियार पर कार्रवाई की गई है। वाराणसी के अपर नगर मजिस्ट्रेट सुशील कुमार गोंड का कार्यभार भी बदल दिया गया है।
सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा। वहीं, प्रदर्शन के चलते पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कुछ विभाग में सेमेस्टर परीक्षाएं कैैंसिल हो गई हैं। बीएचयू में हो रहे बवाल के कारण सेमेस्टर परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी गई है। सोमवार से कुछ विषय की परीक्षाएं होनी थी लेकिन अवकाश कर दिए जाने के कारण परीक्षाएं लंबित कर दी गई। अब छात्र-छात्राओं को नई तारीख का इंतजार करना है। वहीं स्टूडेंट्स को रविवार को हॉस्टल छोड़ने का नोटिस दे दिया गया, जिसके चलते स्टूडेंट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पत्रकारों पर हुए लाठीचार्ज पर कमिश्नर तलब
मुख्यमंत्री ने बीएचयू में छात्राओं के प्रदर्शन की कवरेज करने गए पत्रकारों पर हुए लाठीचार्ज की रिपोर्ट भी मांगी है। ज्ञात हो कि शनिवार देर रात छेड़खानी के विरोध में धरने पर बैठी छात्राओं को हटाने के लिए वाराणसी पुलिस ने बल प्रयोग किया था। लाठीचार्ज की सूचना पाकर कवरेज के लिए बीएचयू पहुंचे पत्रकारों को भी पुलिस ने नहीं बख्शा और उनकी जमकर पिटाई की। पिटाई के बाद घायल पत्रकारों को पुलिस कर्मियों ने बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भी इलाज कराने के लिए भी नहीं जाने दिया।
अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज
इस मामले में पुलिस ने करीब 1000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस बीच कई छात्राएं बीएचयू और वाराणसी के दूसरे कॉलेजों से जाने लगी हैं, हालांकि दशहरे की छुट्टी भी होने ही वाली थीं, लेकिन इससे पहले ही छात्राएं जा रही हैं।
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