नयी दिल्लीः एनडीटीवी की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही है. पहले एनडीटीवी में काम कर चुके नितिन गोखले ने हमला बोला आैर अब एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार रह चुकीं बरखा दत्त ने एक फेसबुक पोस्ट में एनडीवी प्रबंधन के रवैये को लेकर सवाल खड़ा किया है. बरखा दत्त ने फेसबुक पर लिखा कि पिछले कई दिनों से एनडीटीवी को लेकर कई कहानियां सामने आ रही है. अमित शाह के बेटे से जुड़ी स्टोरी को हटा ली गयी और उस मुद्दे को लेकर आम लोगों के बीच काफी चर्चा है. मैं उस स्टोरी में नहीं जाती हूं कि वह सही है या गलत, लेकिन एनडीटीवी में स्टोरी दबाने की घटना पहले भी हो चुकी है. भले आज लोग नैतिकता का हवाला दे रहे हों, लेकिन उन दिनों खबरों की सेंसरशिप के खिलाफ एनडीटीवी में हमारे जैसे कुछ लोग मालिक और प्रबंधन से स्टोरी को लेकर कई लड़ाइयां कीं.
बरखा दत्त ने यह भी खुलासा किया कि जिस समय प्रेस क्लब में सरकार का विरोध किया जा रहा था. उस वक्त भी एनडीटीवी के सीनियर लोग केंद्र के मंत्रियों के साथ मामला सुलझाने के प्रयास में जुटे थे. जब आपका कोई पूर्व सहयोगी यह कहता हो कि कुछ ‘त्रुटि’ है, तो यह बिलकुल झूठ है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देने वाले लोगों ने कितनी बार स्टोरी को ब्रॉडकॉस्ट नहीं होने दिया है. ये सभी लोग उन दिनों मौन थे और प्रबंधन के फैसलों को सही ठहरा रहे थे. नितिन गोखले का नेवी चीफ के साथ इंटरव्यू को हटा दिया गया. कई गेस्ट को चैनल में नहीं बुलाने के आदेश दिये गये. ‘जयंती टैक्स कंट्रोवर्सी’ को लेकर मैं एक स्टोरी करना चाह रही थी. मुझे नहीं करने दिया गया.
जब राबर्ट वाड्रा पर मैंने स्टोरी की थी, उसे लेकर भी काफी विरोध झेलना पड़ा, जबकि वह वेबसाइट में लग चुकी थी और ध्यान भी खींचा था. बरखा दत्त ने आगे लिखा कि मैं सर्जिकल स्ट्राइक के एक महीने बाद चिदंबरम के साथ किये गये साक्षात्कार को लेकर इंटरव्यू ऑफ एयर रही. एक इंटरनल मेमो जारी किया गया और कहा गया कि किसी भी राजनेता को एयर टाइम नहीं दिया जायेगा.
राबर्ट वाड्रा की स्टोरी
मैं कह चुकी हूं कि मैंने एनडीटीवी में काम किया इसलिए सार्वजनिक रूप से निंदा भी नहीं कर सकती थी, लेकिन इस तरह स्टोरी दबाने को लेकर समर्थन भी नहीं करना मेरे वश के बाहर था. जब पब्लिक में यह पूछा गया, तो मैंने कहा कि मेरे ऊपर के अधिकारियों का यही फैसला था. अगले दो महीने तक मेरे इस स्टैंड के लिए न्यूजरूम में मेरे साथ अजीबो – गरीब व्यवहार हुआ. बरखा ने दावा किया कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों से जुड़ी खबरों को लेकर प्रबंधन से लड़ी थीं. बरखा दत्त ने लिखा है कि वह बालिग हैं और उन्हें पता है कि दूसरे समाचार संस्थानों में भी खबरें दबाई जाती हैं, लेकिन खुद को इतना पाक-साफ कोई नहीं बताता.
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