डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू वाले राज्यों में आवागमन करने वाले बुखार अनदेखी न करें
स्वास्थ्य मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने की लोगों से अपील
भोपाल : लोक स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने बुखार आने की स्थिति में अपनी मर्जी से दवा न लेने, चिकित्सक की सलाह पर रक्त की जाँच एवं दवाइयों का सेवन करने, अपने घर और घर के आसपास पानी न जमा होने देने और पूरी तरह से शरीर ढँकने वाले कपड़े पहनने की नागरिकों से अपील की है। श्री सिंह ने कहा डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाईन फ्लू प्रभावित राज्यों में जाने और आने वाले लोग बुखार की कदापि अनदेखी न करें।
भोपाल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वीणा सिन्हा ने सलाह दी है कि यदि बुखार 102 डिग्री से अधिक है, तो बुखार कम करने के लिये सिर पर ठण्डे पानी की पट्टियाँ रखें, सिर्फ पेरासिटामॉल की गोली दें और तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। नॉन स्टीरोइडल, एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाइयों जैसे एस्प्रीरिन, आइबूप्रोफिन, नेप्रोक्सीन दवाइयों का उपयोग न करें। ये दवाइयाँ शरीर में तेजी से रक्त स्राव कर सकती हैं। पर्याप्त मात्रा में तरल पेय और पानी पियें। साथ ही आराम भी करें। उच्च जोखिम वाले जैसे गर्भवती महिलाएँ, बच्चे, वृद्ध, डायबिटीज एवं हृदय रोगी 12 घंटे में ही उपचार लें। अन्य लोग डेंगू लक्षण होने पर 24 घंटे के अंदर उपचार ले लें।
डेंगू के लक्षण पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में नि:शुल्क जाँच-उपचार करवायें
डेंगू डेन नामक वायरस के कारण होता है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। इसमें 2 से 7 दिन तक बुखार, सिरदर्द, माँसपेशियों, जोड़ों और आँखों के आसपास दर्द, छाती और दोनों हाथों में लाल चकत्ते- दाने, गंभीर अवस्था में नाक, मसूड़ों, पेट/आँत से खून का रिसाव होता है। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे लक्षण पाये जाने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर नि:शुल्क परामर्श, जाँच और उपचार का लाभ लें।
मच्छरों की उत्पत्ति एवं बचाव
एडिज मच्छर साफ पानी से भरे कंटेनर के साथ ही अंडर ग्राउण्ड टेंक और जमा हुए पानी में भी पैदा होते हैं। सभी बर्तनों को सप्ताह में एक बार जरूर पानी खाली कर अच्छी तरह साफ करें। लार्वा को नष्ट करने के लिये टेमोफॉस और मच्छर के लिये पायरेथ्रम का स्प्रे किया जाता है।
भोपाल में 121 टीम लगातार लार्वा सर्वेक्षण के साथ डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया की रोकथाम के लिये निरंतर सक्रिय है। दिनांक 19 अक्टूबर तक 5 लाख 55 हजार 509 घर का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिसमें 31 हजार 664 घर में लार्वा पाया जाने पर विनष्टीकरण की कार्यवाही की गई।
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