नोटबंदी के बाद गैरकानूनी जमाराशि की घोषणा करने पर सरकार 50 फीसदी टैक्स वसूलेगी और संबंधित संपत्ति के इस्तेमाल पर चार साल के लिए रोक लगा देगी। अगर कोई गैरकानूनी जमाराशि की घोषणा नहीं करेगा और ऐसी रकम मिली तो उस पर 60 फीसदी टैक्स और जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही संबंधित संपत्ति के इस्तेमाल पर रोक की अवधि भी ज्यादा होगी।
वित्त मंत्रालय के विशिष्ट सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार रात हुई कैबिनेट की बैठक में आयकर अधिनियम में संशोधन का निर्णय लिया गया। इसे सरकार अगले सप्ताह वित्त विधेयक के तौर पर संसद में पेश करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, संशोधित बिल के तहत बैंक खाते में ढाई लाख रुपये से ज्यादा धन जमा होने की स्थिति में किसी व्यक्ति की ओर से अघोषित आय की घोषणा पर 50 फीसदी कर वसूला जाएगा और संपत्ति के प्रयोग पर चार साल की रोक लगा दी जाएगी।
इस स्थिति में कोई अन्य कानूनी कार्रवाई भी सरकार की ओर से नहीं की जाएगी। जबकि अघोषित आय की घोषणा नहीं होने पर 60 फीसदी टैक्स के अलावा जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह जुर्माना मामले की गंभीरता के आधार पर सरकार की सिफारिश पर अदालत तय करेगी।
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अघोषित आय के बारे में सरकार को सूचित नहीं किए जाने वाले मामलों में संबंधित संपत्ति के प्रयोग पर रोक की अवधि ज्यादा होगी। इस पर भी निर्णय सरकार की सिफारिश पर अदालत करेगी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने इस संशोधन को तत्काल कानूनी जामा पहनाने के लिए वित्त विधेयक संसद में पेश करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक उम्मीद है कि अगले सप्ताह से पहले राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिल जाएगी और संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया जाएगा। जहां लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन तय करेगीं कि संबंधित संशोधन को वित्त विधेयक के तौर पर स्वीकार किया जाए या नहीं।
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