23 नवंबर तक फसल विक्रय करने वाले किसानों को मिलेगा 1310 करोड़ का भावांतर

भावांतर भुगतान योजना

द्वितीय चरण में अब तक 1,65,114 पंजीयन आवेदन प्राप्त
कल पंजीयन का अंतिम दिवस
 

भोपाल :भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों द्वारा 23 नवंबर तक मंडियों में किये गये अधिसूचित फसलों के विक्रय से प्रथम दृष्टया लगभग 1310 करोड़ की भावांतर राशि से लाभान्वित होने का अनुमान है। यह भुगतान विक्रय अवधि की समाप्ति के बाद गणना कर किया जायेगा। अब तक भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों में से 10 लाख 3 हजार किसानों ने 20 लाख 92 हजार मीट्रिक टन का कृषि उत्पाद विपणन केन्द्रों पर विक्रय किया है। इस मात्रा में सोयाबीन 13 लाख 16 हजार मी. टन, मक्का 2 लाख 85 हजार मी. टन, उड़द 4 लाख 10 हजार मीट्रिक टन और अन्य अधिसूचित फसल शामिल है।

भावों में हुआ सुधार

योजना में सोयाबीन और मक्का के भाव क्रमश: 2510 रूपये और 1050 रूपये पर स्थिर है। यह भाव महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक की मंडियों में प्रचलित भावों के समकक्ष ज्यादा है। पिछले दस दिवस में अन्य तिलहनी फसलों के भावों में भी सुधार परिलक्षित हुआ है। मूंगफली के भाव में 50 रूपये प्रति क्विंटल (अब 3095 रूपये प्रति क्विंटल) और तिल के भावों में 200 रूपये प्रति क्विंटल (वर्तमान में 5500 रूपये प्रति क्विंटल) का सुधार हुआ है। तिल के भाव में यह सुधार तिल के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से 200 रूपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।

योजना में आज शाम तक एक लाख 65 हजार 114 नये पंजीयन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 98 हजार 2 आवेदन को राजस्व विभाग द्वारा समीक्षा के बाद ऑनलाइन कर दिया गया है। योजना के प्रथम चरण में पंजीयन नहीं करवाने वाले किसानों को 15 से 25 नवंबर, 2017 की अवधि में पंजीयन सुविधा दी गई थी। पंजीयन सुविधा का कल अंतिम दिवस है।

अब तक योजना में ऑनलाइन नया पंजीयन करवाने वाले किसानों में सोयाबीन के लिये 43 हजार 202, उड़द के लिये 40 हजार 871, मक्का के लिये 16 हजार 654, मूंगफली के लिये 1,988, तुअर के लिये 3,020, तिल के लिये 593, मूंग के लिये 407 और रामतिल के विक्रय के लिये 47 किसान शामिल है।

 

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