मथुरा: पुलिस और कब्जेधारियों में संघर्ष, एसओ शहीद

जवाहरबाग में गुरुवार शाम को प्रशासन और अवैध कब्जाधारियों के बीच आमने-सामने की फायरिंग हो गई। इसमें एक गोली एसओ फरह की आंख में लगी। गंभीर रूप से घायल एसओ ने इलाज के दौरान शहीद हो गए। इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी और लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों को भी गोली लगने की सूचना है। दूसरी तरफ से कब्जाधारियों के नेता रामवृक्ष यादव को गोली लगने और उसकी गिरफ्तारी की भी खबर है। कब्जाधारियों द्वारा कई सिपाहियों को बंधक बनाने की बात भी सामने आ रही है।इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा में फायरिंग की घटना में शहीद हुए फरह थानाध्यक्ष संतोष कुमार के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने शहीद एसएचओ के आश्रितों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। साथ ही कहा, राज्य सरकार शहीद थानाध्यक्ष के परिवार की हर संभव सहायता करेगी। परिवार के पुनर्वासन में भी पूरी मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि मथुरा के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित जवाहरबाग में लगभग ढाई साल से कथित सत्याग्रहियों ने जमीन पर कब्जा जमा रखा था। ये उद्यान विभाग की जमीन है। कब्जाधारियों को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस लंबे समय से प्रयास कर रहा था। कई बार कब्जाधारियों को नोटिस भी भेजा गया था। इसके बावजूद उन्होंने जमीन खाली नहीं की, बल्कि गाहे-बगाहे पुलिसवालों पर ही हमला करते रहे। कुछ दिनों से इन्हें हटाने के लिए प्रशासन बाहर फोर्स और सेना लगाकर दबाव बना रहा था। उनकी बिजली और पानी की सप्लाई भी काट दी गई थी। इस पर कब्जाधारियों ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी, जिसे हाईकोर्ट ने भी गलत करार दिया था। इसके बावजूद कब्जाधारी हटने के बजाय पुलिस से आमना-सामना करने पर उतारू थे। इन कब्जाधारियों को हटाने के लिए जनता, उद्यान विभाग के कर्मचारियों और लेखपालों के संगठन ने भी आंदोलन छेड़ रखा था।थक हारकर गुरुवार शाम करीब 5 बजे को प्रशासन ने जवाहरबाग खाली कराने का ऑपरेशन शुरू कर दिया। सबसे पहले जेसीबी से जज काॠलोनी की तरफ से दीवार तोड़ी गई। इस पर कब्जाधारियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। उनकी तरफ से गोले भी फेंके गए। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। प्रशासन की ओर से इस बात का ध्यान रखा गया कि कोई घायल न हो। इसी दौरान एक गोली एसओ फरह संतोष कुमार यादव की आंख में जा लगी। वो गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके शहीद होने की सूचना है। अपने साथी की मौत से गुस्साए पुलिसवालों ने भी जवाबी फायरिंग बढ़ा दी। लाठीचार्ज कर दिया। उनके टेंटों में आग लगा दी गई। पुलिस-प्रशासन का ये रौद्र रूप देख काफी कब्जाधारी भाग निकले।इस आमने-सामने के संघर्ष में सिटी मजिसट्रेट, एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और लगभग एक दर्जन पुलिसवालों के भी घायल होने की सूचना है। दूसरी तरफ से कई कब्जाधारियों के भी घायल होने की खबर है। खबर ये भी है कि कुछ सिपाहियों को कब्जाधारी बंधक बनाकर ले गए हैं। रात 8 बजे तक आॠपरेशन जारी था। आॠपरेशन के बाद डीएम राजेश कुमार और एसएसपी डाॠ. राकेश सिंह भी मौके पर पहुंच गए थे। आगरा और फिरोजाबाद से पुलिसबल रवाना कर दिया गया है। आईजी और डीआईजी मौके पर पहुंच रहे थे।

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