मध्यप्रदेश की ऑटोमेटेड पब्लिक बाइक शेयरिंग और हब एण्ड स्पोक मॉडल को मिला विशेष राष्ट्रीय पुरस्कार

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने हैदराबाद में ग्रहण किये पुरस्कार

बिन्दु सुनील

भोपाल :मध्यप्रदेश को शहरी परिवहन में सर्वोत्तम अभ्यास परियोजना ‘पब्किल बाइक शेयरिंग सिस्टम” तथा क्लस्टर बेस्ड ‘हब एण्ड स्पोक” अर्बन ट्रांसपोर्ट मॉडल के विशेष राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। तेलंगाना के आई.टी. एवं नगरीय विकास मंत्री श्री के.टी. रामाराव ने मध्यप्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह को आज हैदराबाद में दसवें अर्बन मोबिलिटी इण्डिया कॉन्फ्रेंस में ये विशेष राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्रा, मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त श्री विवेक अग्रवाल और भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की कार्यपालक निदेशक सुश्री प्रियंका दास उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 25 जून 2017 को भोपाल में पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना की शुरूआत की थी। योजना में शहर के अलग-अलग स्थानों पर 50 स्टेशन बनाए गए हैं जिनमें 500 साइकिलें हैं। भोपाल स्मार्ट बाइक शेयरिंग देश का पहला ऑटोमेटेड सिस्टम है जो पूरी तरह कैशलेस है। इसके स्टेशन मानव-रहित हैं, इन्हें केन्द्रीय नियंत्रण-कक्ष से जोड़ा गया है। स्टेशनों पर साइकिलें सात दिन 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं। योजना को बीआरटीएस से जोड़ा गया है। बीआरटी कॉरीडोर के बस स्टॉप के पास साइकिल स्टेशन बनाए गए हैं, जिससे लोक परिवहन को बढ़ावा मिल सके। पीबीएस योजना के तहत साइकिल चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपये निर्धारित है, जो रजिस्ट्रेशन रद्द कराने पर वापस हो जाती है। इसमें एक महीने, तीन महीने और एक साल की मेम्बरशिप का प्रावधान है। एक माह की मेम्बरशिप के लिए 149 रुपये, तीन महीने की 299 और एक साल के लिए 999 रुपये मेम्बरशिप फीस रखी गई है। मेम्बर के लिए प्रत्येक आधे घंटे की साइकिल राइड फ्री है। नॉन मेम्बर के लिए आधे घंटे की साइकिल चलाने का शुल्क 10 रुपये है।

अर्बन ट्रांसपोर्ट मॉडल

अमृत योजना के तहत लोक परिवहन की बस सेवा के लिए क्लस्टर आधारित हब और स्पोक मॉडल बनाया गया है। इसके तहत शहरों में क्लस्टर बनाकर बस सेवा शुरू की गई है। बसों का संचालन वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत किया जा रहा है। वीजीएफ 40 प्रतिशत तय किया गया है। इससे बसों की संख्या और कनेक्टिविटी बढ़ी है। अलग-अलग शहरों में एसपीवी बनाकर बस सेवा शुरू की गई है और बड़े शहरों के आसपास के छोटे शहरों को भी सेवा से जोड़ा गया है। इससे लोक परिवहन व्यवस्थित हो गया है और अंतिम छोर तक बस सेवा शुरू होने से लोगों को राहत मिली है।

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