मप्र में शिक्षकों की छुट्टी, धरना-प्रदर्शन और हड़ताल पर प्रतिबंध

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य शासन ने प्रदेश में शिक्षकों की छुट्टी, धरना-प्रदर्शन और हड़ताल पर रोक लगा दी है। बोर्ड (10वीं-12वीं) परीक्षा के मद्देनजर शासन ने बुधवार को एस्मा (परीक्षा में लगे शिक्षकों की सेवा को अत्यावश्यक) घोषित कर दिया है। एस्मा तीन महीने तक प्रभावी रहेगा। प्रदेश में हायर सेकंडरी परीक्षा एक मार्च और हाईस्कूल परीक्षा पांच मार्च से शुरू हो रही हैं। दोनों परीक्षाओं में दो लाख से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है।

इसे देखते हुए मप्र अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्न्ता निवारण अधिनियम 1979 के प्रावधानों के तहत एस्मा लगाया गया है। अब परीक्षा या मूल्यांकन की ड्यूटी से इंकार करने और इनमें बाधा उत्पन्न करने वाले शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।

बता दें कि इन दिनों मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक इन दिनों हड़ताल पर हैं। वो नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। कई स्कूलों में तालाबंदी के हालात हैं। शासन ने शिक्षकों पर एस्मा लागू कर दिया है परंतु फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ कि यह अतिथि शिक्षकों पर भी लागू होगा या नहीं। याद दिला दें कि मप्र में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं है, अत: नियमित कर्मचारियों के लिए बनाए गए नियम भी इन पर लागू नहीं होते।

Be the first to comment on "मप्र में शिक्षकों की छुट्टी, धरना-प्रदर्शन और हड़ताल पर प्रतिबंध"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!