Delhi : मां के सामने ही बेटे ने गला दबाकर की बिल्डर पिता की हत्या

आरडीसी से 26 जून की रात को संदिग्ध हालात में गायब हुए बिल्डर जितेंद्र तोमर की हत्या हो चुकी है। मां के सामने ही बेटे अमित ने अपने पिता जितेंद्र की पहले गला दबाकर हत्या कर दी, फिर ड्राइवर के साथ उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में लाश को एक खाई में ठिकाने भी लगा दिया। हत्या का कारण प्रॉपर्टी विवाद रहा। पुलिस ने आरोपी बेटे और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लाश बरामद कर ली है।

जितेंद्र तोमर के घर काम करने वाली मेड से पूछताछ के बाद इस हत्याकांड का खुलासा हुआ है। शुक्रवार सुबह मेड ने पुलिस को बताया कि रविवार रात जितेंद्र का अपनी पत्नी मालती और बेटे अमित से झगड़ा हुआ था। अमित ने कुछ देर बाद ही मेड को उसके घर जाने के लिए कह दिया था। शक होने पर पुलिस ने मेन गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो वह क्षतिग्रस्त मिले। सीसीटीवी फुटेज को देखा तो उसमें पता चला कि रविवार की रात अमित, मालती और अमित का ड्राइवर प्रवीण घर में घुसते नजर आ रहे थे। पुलिस ने अमित और उसके ड्राइवर प्रवीण की तलाश शुरू की तो दोनों गायब मिले।

मोबाइल से उनकी लोकेशन ट्रैस की गई तो उनके ऋषिकेश में होने का पता चला। इस पर गाजियाबाद से पुलिस की एक टीम ने ऋषिकेश में दबिश देकर अमित और प्रवीण को हिरासत में ले लिया। सख्ती से पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।अमित ने बताया कि उसने अपनी मां मालती के साथ मिलकर पिता जितेंद्र की गला दबाकर हत्या की है। हत्या के बाद सीसीटीवी उसने क्षतिग्रस्त कर दिए थे। इसके बाद शव को गाड़ी की डिग्गी में रखकर वह ऋषिकेश की ओर चले।रास्ते में अमित ने अपनी मां को उसके मायके नूरपुर गांव में उतार दिया और खुद ड्राइवर के साथ लाश को ठिकाने लगाने नरेंद्र नगर पहुंच गया। वहां दोनों ने शव को गाड़ी से निकालकर एक गहरी खाई में फेंक दिया।कविनगर इंस्पेक्टर अशोक सिसोदिया ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर नरेंद्र नगर के पास आगराखाल इलाके में एक खाई से जितेंद्र की लाश को बरामद कर लिया गया है। इसमें उत्तराखंड पुलिस की भी मदद ली गई। एसएचओ ने बताया कि जितेंद्र की पत्नी मालती को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। मोबाइल से उनकी लोकेशन ट्रैस की गई तो उनके ऋषिकेश में होने का पता चला। इस पर गाजियाबाद से पुलिस की एक टीम ने ऋषिकेश में दबिश देकर अमित और प्रवीण को हिरासत में ले लिया। सख्ती से पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।अमित ने बताया कि उसने अपनी मां मालती के साथ मिलकर पिता जितेंद्र की गला दबाकर हत्या की है। हत्या के बाद सीसीटीवी उसने क्षतिग्रस्त कर दिए थे। इसके बाद शव को गाड़ी की डिग्गी में रखकर वह ऋषिकेश की ओर चले।रास्ते में अमित ने अपनी मां को उसके मायके नूरपुर गांव में उतार दिया और खुद ड्राइवर के साथ लाश को ठिकाने लगाने नरेंद्र नगर पहुंच गया। वहां दोनों ने शव को गाड़ी से निकालकर एक गहरी खाई में फेंक दिया।कविनगर इंस्पेक्टर अशोक सिसोदिया ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर नरेंद्र नगर के पास आगराखाल इलाके में एक खाई से जितेंद्र की लाश को बरामद कर लिया गया है। इसमें उत्तराखंड पुलिस की भी मदद ली गई। एसएचओ ने बताया कि जितेंद्र की पत्नी मालती को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

मूल रूप से शामली के रहने वाले जितेंद्र तोमर (58) आरडीसी स्थित मकान में पिछले चार साल से अकेले रह रहे थे। पेशे से बिल्डर जितेंद्र की पत्नी मालती देवी शामली में ही पुराने मकान में रह रही थीं। जितेंद्र ने अपनी एक बेटी सीमा की शादी मयूर विहार दिल्ली में की थी। बेटी का परिवार अब रायपुर (छत्तीसगढ़) में शिफ्ट हो चुका है। उनका बेटा अमित अपनी पत्नी के साथ गाजियाबाद में ही एएलटी के पास स्थित आनंदम विला में रहता है।बेटी ने किया फोन तो पता चला गायब होने का: जब झगड़ा हो रहा था तब जितेंद्र की बेटी सीमा ने उन्हें फोन किया था। इसके कुछ देर बाद उसने दोबारा कॉल की तो फोन स्विच ऑफ आया। अगले दिन भी सीमा ने उनका फोन मिलाया, मगर वह स्विच ऑफ ही था। इस पर सीमा ने अपने पिता के ड्राइवर ब्रह्मपाल के फोन पर बात की और पिता से बात कराने को कहा। ब्रह्मपाल ने बताया कि वह घर पर नहीं हैं। दो दिन बाद सीमा ने ब्रह्मपाल को फिर फोन किया तो यही जवाब मिला। इस पर सीमा 29 जून को गाजियाबाद आई और कविनगर थाने में तहरीर देते हुए अपने भाई पर ही शक जताया।

पुलिस की मानें तो जितेंद्र के पास शामली स्थित अपने पैतृक गांव करमोखेडी में करीब 100 बीघा जमीन थी। अमित इस प्रॉपर्टी से अपना हिस्सा मांगता था। इसी को लेकर पिता-पुत्र के बीच आए दिन झगड़ा भी होता था। जितेंद्र उससे यही कहता था कि वह जीते जी जमीन का बंटवारा नहीं करेगा और ऐसी वसीयत करके जाएगा कि मरने के बाद उसकी सारी प्रॉपर्टी सरकार को मिले।शौकीन मिजाज थे जितेंद्र: बेटे अमित ने पुलिस को बताया कि जितेंद्र बेहद शौकीन मिजाज थे। इसी लिए परिवार से दूर अकेले रहते थे। दो माह पहले ही जितेंद्र ने 10 लाख रुपये में हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। गाजियाबाद के सबसे महंगे जिम में कसरत करते थे। उसे और उसकी मां को एक रुपया नहीं देते थे।डिग्गी में लाश लेकर हाईवे पर 250 किलोमीटर तक दौड़ते रहे हत्यारोपी जितेंद्र हत्याकांड ने यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड पुलिस की चौकसी की भी पोल खोल दी। हत्यारोपी बेटा अमित अपने ड्राइवर प्रवीण के साथ कार की डिग्गी में पिता की लाश लेकर गाजियाबाद से नरेंद्र नगर तक करीब 250 किलोमीटर तक चला गया और आराम में लाश को ठिकाने भी लगा दिया। इस दौरान न जाने कितने थाने, चौकी और पुलिस चेकपोस्ट पडे़ होंगे, मगर कहीं भी इस कार की जांच नहीं की गई।

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