मुफ्त में भी महिलाएं नहीं बनवा रही ड्राइविंग लाइसेंस

भोपालराज्य सरकार महिला सशक्तिकरण योजना के तहत महिलाओं को फ्री वाहनों के लाइसेंस बनाकर दे रही है। बावजूद इसके प्रदेश में महिलाएं लाईसेस बनवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। आलम यह हैं प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकांश महिलाएं बिना लाइसेंस के वाहन फर्राटे से दौड़ा रही है। आंकड़ों पर गौर करे तो सबसे अधिक महिलाओं के लाइसेंस इंदौर आरटीओ में बने हैं जबकि सबसे कम लाइसेंस आगर मालवा जिले में। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 2 करोड़ 35 लाख महिला मतदाता है।

 

यानी 18 साल की उम्र के बाद यह महिलाएं वाहन चलाने के लिए फ्री लाइसेंस बनवा सकती है। लेकिन प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं यहां महिलाओं के एक हजार भी लाइसेंस नहीं बने है। जबकि इन जिलों में भी महिलाएं दो पहिया और चार पहिया वाहन चला रही है। परिवहन विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना हैं कि प्रदेश में जब से महिलाओं के फ्री लाइसेंस बनवाने की घोषणा राज्य सरकार ने की है। इसके बाद ही महिलाओं के लाइसेंस बनवाने की संख्या बढ़ी है। इसके पूर्व महीने में 10 से 15 महिलाएं ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आती थी।

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क्या हैं मोटर व्हीकल एक्ट

अगर आप, बाइक, कार या ट्रक चलाते हैं तो आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस हाना जरूरी है। भारत की सड़कों पर राजमार्गो पर गाड़ी चलाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट ए 1988 की धारा तीन के मुताबिक वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस(डीएल) होना जरूरी है।

जागरूकता में कमी है एक वजह

रिटायर्ड डीएसपी एमएस भदौरिया का कना हैं कि जागरूकता में कमी की वजह से भी महिलाएं लाइसेंस नहीं बनवाती है। लाइसेंस वाहन चलाने के लिए सरकार द्वारा जारी वैध दस्तावेज हैं जो सभी तरह की दक्षता परखने के बाद दिया जाता है। जिसे हर वाहन चालक के लिए अनिवार्य है। इसकी महत्ता तब पता चलती हैं जब कि वाहन चलाते समय कोई घटना या दुर्घटना होती है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर न तो कोई क्लेम लिया जा सकता हैं और ना ही बीमा कंपनी के माध्यम से कोई क्लेम दिलवाया जा सकता है। ऐसे में सभी वाहन चालकों के लिए वैध लाइसेंस होना आवश्यक है।

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