मॉर्निंग में प्रदूषण से हो रही है आंखों में जलन तो करिए ये 5 उपाय

प्रदूषण का असर आंखों पर भी पड़ रहा है। खुली हवा में सांस लेना ही नहीं आंखें खोलना भी दूभर हो गया है। हवा में मौजूद एसपीएम और पीएम के कण आंखों की परत पर प्रभावित कर आंखों की ल्यूब्रिकेटिंग की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। बाइक सवार हो, स्कूल जाने वाले बच्चे या फिर बस या कार में सफर करने वाले एहतियात के तौर पर चिकित्सक सभी को पारदर्शी एंटी ग्लेयर चश्मा लगाकर ही घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस समय सुबह-सुबह सैर पर जाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

गुरूनानक नेत्र चिकित्सालय के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष डाडिया ने बताया कि आंखे सीधे रूप से प्रदूषण के संपर्क में आती है, कामकाजी युवा और स्कूल जाने वाले बच्चों पर प्रदूषण के हानिकारक तत्वों का सबसे अधिक असर पड़ता है।
दरअसल तापमान गिरने से मौसम में आद्रता बढ़ती है, जिसके कारण सामान्य दिन में भी आंखों में सूखेपन की शिकायत बढ़ जाती है, ऐसी स्थिति में परेशानी तब और बढ़ जाती है जबकि वातावरण में एसपीएम और पीएम का स्तर भी सामान्य से अधिक हो जाता है।
बीते चार दिन से दिल्ली पर छाई स्मॉग की धुंध ने आंखों की चुभन के मरीजों को बढ़ा दिया है। आंखों में लालिमा और चुभन की समस्या लेकर लोग ओपीडी में पहुंच रहे हैं। हालांकि एहतियात के लिए जरूरी है कि बेहतर क्वालिटी का पारदर्शी चश्मा लगाकर ही घर से निकला जाए।
आई टेक विजन सेंटर की नेत्र चिकित्सक डॉ. श्रीदेवी गुंडा ने बताया कि दिवाली के 15 दिन बाद तक उनके पास आंखों की समस्याओं से ग्रसित लोग सबसे अधिक आते हैं। मुख्य रूप से इनमें आंखें लाल होना, आंखों से पानी आना और आंखों में खुजली होना जैसी समस्याएं होती हैं। प्रदूषित वायु का नकारात्मक प्रभाव हमारी आंखों पर भी नजर आने लगा है।

कुछ बेहतर उपाय
ड्राई आइज- स्मॉग, फॉग और धुएं का मिश्रण की अधिकता के कारण आंखों की उपरी सतह पर प्रदूषण के कण जमा होकर ड्राई आई की समस्या बढा रहे हैं। आंखों में सूखापन, लाली, सेंसेटिविटी आदि इसके लक्षण है तो फौरन किसी अच्छे नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें। आई ल्यूब्रिकेटिंग के लिए बेहतर क्वालिटी के नॉन स्टेरॉयड आई ड्राप का प्रयोग किया जा सकता है।
सफाई- हम में से बहुत से लोगों की ये आदत होती है कि जब भी हमारी आंखों में कुछ चला जाता है या हल्की सी भी खुजली होती है तो अपनी आंखें मलने लगते हैं जो की बहुत ही गलत आदत है। क्योंकि जब हमारे हाथ गंदे होते हैं और हम अपनी आंखों को छूते हैं तो उनमें इंफेक्शन होने का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है।

सन ग्लास का उपयोग- आंखों की सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है कि जब भी धूप में या ऐसी जगह पर जाएं, जहां धूल बहुत ज्यादा हो तो हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि सन ग्लास का प्रयोग जरूर करें।
आई मेकअप से दूर रहें- अगर आपकी आंखों में किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही हो तो किसी भी प्रकार के आई मेकअप से दूर रहें, क्योंकि ऐसा हो सकता है कि आपके मेकअप प्रोडक्ट में इस्तेमाल किए गए केमिकल से एलर्जी की वजह से आपकी समस्या बढ़ जाए।
न करें लापरवाही- जब भी कहीं बाहर से आएं अपनी आंखें ठंडे व साफ पानी से धोएं। आप अगर चाहें तो आंखों में गुलाबजल भी डाल सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर फौरान डॉक्टर से संपर्क करे।

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