नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट के अगले दो-तीन दिनों में विस्तार की संभावना है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मंगलवार से प्रस्तावित तमिलनाडु दौरा रद होने से इसकी अटकल एकबारगी तेज हो गई है।
माना जा रहा है कि चार-पांच नए मंत्रियों को शामिल करने के साथ-साथ वर्तमान मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है। पिछले महीनों में तीन अहम मंत्री कैबिनेट से विदा हो चुके हैं। रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रीकर गोवा के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे एम. वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति बन चुके हैं। पर्यावरण का जिम्मा संभाल रहे अनिल माधव दवे का निधन हो चुका है। इन मंत्रालयों का जिम्मा दूसरे मंत्रियों के कंधे पर है।
दूसरी ओर से जदयू अब राजग का हिस्सा है। अन्नाद्रमुक हालांकि अभी तक राजग में नहीं आया है, लेकिन उसे लेकर अटकलें हैं। ऐसे में मोदी कैबिनेट के विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही है। माना जा रहा है कि शाह ने तमिलनाडु का दौरा इसीलिए रद्द किया है, ताकि एक-दो दिनों में विस्तार को लेकर होने वाली चर्चा में मौजूद रहें।
ध्यान रहे कि पिछले विस्तार से पहले भी शाह ने ही भावी मंत्रियों से चर्चा की थी। इनमें वैसे मंत्री भी शामिल थे, जिनको प्रोन्नत किया गया था। जाहिर है कि सारी नजरें अगले दो दिनों तक उनके आवास और कार्यालय पर टिकी रहेंगी। उनके यहां आने-जाने वाले नेताओं से ही अनुमान लगाया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट में फिलहाल 76 मंत्री हैं। ऐसे में छह मंत्री और शामिल किए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि जदयू के कोटे से दो मंत्री बन सकते हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कोई कैबिनेट मंत्री होगा या नहीं। लोकसभा में जदयू की सीटें सिर्फ दो हैं। लेकिन राज्यसभा में शरद यादव और अली अनवर अंसारी की बगावत के बाद भी आठ सदस्य हैं। शिवसेना के कोटे से अभी तक सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री है। उसके कोटे से भी एक मंत्री जुड़ सकता है। पहाड़ी राज्यों से एक मंत्री बनाने की अटकलें हैं।
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