भोपाल। राजधानी में पहली बार जबड़े की जटिल सर्जरी की गई। इस सर्जरी को डिस्ट्रैक्शन ओस्टोजेनेसिस कहा जाता है। युवा डॉक्टरों ने नई तकनीक के इस्तेमाल से न सिर्फ एक 26 वर्षीय युवक के जबड़े से ट्यूमर निकाला, बल्कि रिक्त स्थान की सर्जरी कर जबडेÞ को तरह प्राकृत रूप दिया। कोणार्क हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अंकित पांडेय के निर्देशन में यह सर्जरी की गई। इसमें डॉ. दर्पण भार्गव सर्जन थे और डॉ. राजकुमार मुख्य एनेस्थेटिस्ट थे। डिस्ट्रैक्शन ओस्टोजेनेसिस सर्जरी में पुन: प्राकृतिक हड्डी का निर्माण होता है। यह तकनीक कई वर्षों से विश्व के गिने-चुने डॉक्टर ही कर रहे थे। यह सर्जरी अरेरा कॉलोनी स्थित कोणार्क हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में शहर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई। यह सर्जरी आठ साल से ट्यूमर से ग्रसित 26 वर्ष के युवक की हुई।
सर्जरी की इस तकनीक में नहीं साइड इफेक्ट
ट्यूमर सर्जरी के बाद जबड़ा बनाने के लिए शरीर के अन्य भाग से हड्डी निकाली जाती है।
इस प्रक्रिया के कई दुष्प्रभाव सामने आए हैं, परन्तु अब इलाज के नए तरीके आ गए हैं। भारत में इस तकनीक को डॉ. आर. एस.
नीलकंदन ने ईजाद किया। उन्होंने राजधानी में हुई इस सर्जरी में सहयोग किया। डॉ. नीलकंदन मीनाक्षी अम्मल डेंटल कॉलेज, चेन्नई में ओरल एंड मैक्सिलो फैशियल सर्जरी के प्राध्यापक हैं।
अब देश में ही मिल जाता है डिस्ट्रैक्टर
इस सर्जरी में इस्तेमाल होने वाला डिस्ट्रैक्टर विदेश से मंगाया जाए तो बहुत महंगा पड़ता है, लेकिन यह देश में ही जबड़े के आकार के अनुसार मिल जाता है।
जाहिर है राजधानी में इस सुविधा से लाखों लोगों को फायदा होगा।
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