यूपी: इश्क में अंधी बेटी ने किया मां-बाप समेत पांच का कत्ल

कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। लेकिन प्रेम-प्रसंग में हुई पांच लोगों की हत्या ने साबित कर दिया कि प्यार कातिल भी होता है। जिस बेटी को बड़े ही लाड़ प्यार से पाला गया वही बेटी प्यार के नशे में अपने मां-बाप की जान लेने में भी नहीं शर्मायी।

ग्रेटर नोएडा के पास नवादा गांव में हुए पांच लोगों के हत्याकांड में राजे सिंह की बेटी प्रीति का ही हाथ निकला। प्रीति ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया है। कासना कोतवाली पुलिस ने रविवार की सुबह प्रीति को उसके प्रेमी मुगीश उर्फ शानू के साथ बुलंदशहर के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है।

पुलिस का दावा है कि प्रीति ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने माता-पिता समेत पांच लोगों की हत्या की है।

पुलिस चार शव नरौरा गंग नहर से बरामद कर चुकी है। जबकि ड्राइवर का शव अभी बरामद नहीं हुआ है।एसपी देहात अभिषेक यादव ने बताया कि मुगीश उर्फ शानू मूल रूप से किठौर (मेरठ) के राधना गांव का रहने वाला है। वह नवादा गांव में मोटर मैकेनिक का काम करता था। वह राजे सिंह के पड़ोस में किराये के मकान में रहता था। राजे सिंह की बेटी प्रीति और शानू के बीच प्रेम-प्रसंग हो गया। दोनों एक दूसरे से फोन पर बातचीत करने लगे। दोनों में करीबी इतनी बढ़ चुकी थी कि वह एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे।

प्रेमी से मिलने के करती थी भूत चढ़ने का ढोंग
दोनों के बीच प्रेम परवाना चढ़ने लगा तो मिलने के लिए प्रीति ने भूत-प्रेत का ढोंग करना शुरू कर दिया। परिजनों ने छौलस गांव के तांत्रिक सलीम से संपर्क किया। सलीम ने बदायूं में दरगाह पर जियारत की सलाह दी। परिवार के लोग तांत्रिक के साथ प्रीति को लेकर बदायूं दरगाह ले जाने लगे। प्रीति दरगाह पर पहुंचकर शानू से मिलती थी। वह उसे फोन करके दरगाह पर जाने की जानकारी पहले ही बता देती थी।

हर बार की तरह 25 अगस्त को भी राजे सिंह उनकी पत्नी धर्मवती, बेटा ललित, पुत्र वधू शीतल, बेटी प्रीति, साला राजेंद्र, सलहज प्रीति, तांत्रिक सलीम के साथ ओमपाल की ईको कार में सवार होकर दरगाह पर गए थे। एसपी देहात अभिषेक यादव ने बताया कि शाम को ये सभी लोग दरगाह के समीप एक ढाबे पर रुके थे। इसी बीच राजे सिंह की बेटी प्रीति एक कोल्ड्र ड्रिंक खरीद कर लाई। उसमें नशे की 30 गोलियां डाल दीं। कोल्ड ड्रिंक पीते ही सबको नशा होने लगा। प्रीति ने ललित और शीतल को दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेज दिया। वह वहां जाकर बेहोश हो गए। प्रीति का मामा राजेंद्र उन्हें देखने पहुंचा तो वह भी वहां लेट गए। जबकि, प्रीति के पिता राजे सिंह, मां धर्मवती, मामी प्रीति, तांत्रिक सलीम और ड्राइवर सभी ढाबे पर ही बेहोश हो गए।

इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी कि मजार पर कुछ लोग बेहोश पड़े हैं। बदायूं पुलिस मौके पर पहुंची तो प्रीति ने कहा, यह उनके परिवार के लोग हैं। यहां ऐसा होता रहता है। हम सब संभाल लेंगे। जिसके बाद पुलिस वापस लौट गई। प्रीति ने तुरंत प्रेमी शानू को बुलाया और बेहोश राजे सिंह, धर्मवती, तांत्रिक सलीम और ड्राइवर को गाड़ी में डालकर भाग निकले। जबकि ललित, शीतल और राजेंद्र को वहीं छोड़ दिया। कार शानू चला रहा था।

सुबह करीब 04 बजे नरौरा पहुंचकर प्रीति और शानू कार से नीचे उतरे और दोनों ने कार को धक्का देकर गंग नहर में धकेल दिया। पुलिस ने 26 अगस्त को गंग नहर से राजे सिंह, धर्मवती और प्रीति का शव बरामद किया था। जबकि तांत्रिक सलीम का शव दो दिन बाद मिला था। लेकिन ओमपाल का शव पुलिस अभी बरामद नहीं कर सकी है।
मोबाइल पर होती थी दस घंटे बात
चार साल पहले प्रीति की मुलाकात शान से घर के बाहर हुई थी। दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। दोनों की बीच प्यार इतना परवाना चढ़ गया कि एक साथ जीने-मरने का फैसला कर लिया। दोनों की फोन की कॉल डिटेल से पता चला है कि रात-रात भर दोनों फोन पर बात करते थे। दिन में 8-10 घंटे बात होती थी।

खून करके रचाई मेंहदी, प्रेमी का नाम लिखा
मां-बाप की हत्या का प्रीति को जरा भी अफसोस नहीं है। उसने अगले दिन अखबार और टीवी चैनलों पर माता-पिता के शव नहर में मिलने की खबर देखी थी। लेकिन उसके बावजूद उसने मेंहदी रचाई और हथेली पर प्रेमी के नाम का पहला अक्षर लिखा। दोनों ने शादी के लिए सभी तैयारी पूरी कर रखी थी। लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके।

प्रेम-प्रसंग की भेंट चढ़ गया बेगुनाह ड्राइवर ओमपाल
प्रीति और शानू के बीच चल रही प्रेम कहानी ने पांच लोगों की जान ले ली। जिसमें लखनावली निवासी बेगुनाह ओमपाल प्रेम-प्रसंग की भेंट चढ़ गया। उसका कोई कसूर नहीं था। प्रीति के परिवार से भी उसका कोई लेना-देना नहीं था। परिजन ओमपाल की बरादगी की गुहार लगा रहे हैं।

ओमपाल के परिवार को नवादा की घटना का खुलासा होने का पता चला तो परिजन उसके जिंदा होने की उम्मीद लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंच गए। लेकिन जब उन्हें पता चला कि जिस कार को प्रीति और शानू ने गंग नहर में फेंका ओमपाल उसी में सवार था। लेकिन ओमपाल का शव अभी नहीं मिला है। ओमपाल के पिता जगदीश ने कहा कि उसके बेटे का क्या कसूर था। उसे क्यों मार दिया। उसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। जो अपने पिता के वापस लौटने की बाट जोह रहे हैं। पुलिस से मांग की है मुझे मेरा बेटा जिंदा या मुर्दा लाकर दे दो। परिजनों ने प्रीति के परिवार भी साजिश का आरोप लगाया है। लेकिन पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

मेरठ और बनारस में रहे प्रीति और शानू
कार को गंग नहर में गिराने के बाद दोनों ट्रक में सवार होकर वापस बदायूं पहुंचे। शानू की सेंट्रो कार खड़ी थी। कार में सवार होकर दोनों हापुड़ पहुंचे। वहां एक ढाबे पर खाना खाया और फिर मेरठ के एक होटल में किराये पर कमरा लेकर रहे। दो दिन वह होटल में रहे थे। जिसके बाद ट्रेन से इलाहबाद हाईकोर्ट पहुंचे। यहां उन्होंने एक वकील से शादी के लिए बातचीत की। लेकिन पुलिस के डर की वजह से बनारस पहुंच गए। शनिवार की रात बनारस से संगम एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर बुलंदशहर पहुंचे। रेलवे स्टेशन से पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

बर्बाद हो गए पांच परिवार
प्रीति एक मोटर मैकेनिक के प्यार में इतनी अंधी हो गई कि वह रिश्ते-नाते सब भूल गई। पांच घर बर्बाद कर दिए। अपने माता-पिता की हत्या की। अपनी मामी की हत्या करके रिश्तों में दरार डाल दी। ओमपाल की हत्या करके उसके तीन छोटे-छोटे बच्चों को उनके पिता से दूर कर दिया। ओमपाल भाड़े पर गाड़ी चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। लेकिन उसके जाने के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ओमपाल की पत्नी एक सप्ताह से पति के वापस लौटने का इंतजार कर रही थी। लेकिन रविवार को हुए खुलासे ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उधर तांत्रिक सलीम का परिवार भी उसकी मौत के बाद से सदमे में हैं। खुद शानू की पत्नी और दो बच्चों का बुरा हाल है।

इस हत्याकांड से पांच परिवारों के बर्बाद होने के साथ ही संभव है कि घटना को अंजाम देने वाले प्रेमी प्रेमिका को भी जिंदगीभर भी जेल की सलाखों के पीछे रहना पडे़। लेकिन अगर इस घटना में दोनों पक्षों की ओर से कुछ सावधानियां बरती जातीं, समझदारी दिखाई जाती तो ऐसे दर्दनाक हत्याकांड से बचा जा सकता है। आगे पढ़े ऐसी घटनाओं से बचने की सावधानियां-
सावधानियां-

1- प्यार में पड़े युवक-युवती को अपने प्यार के बारे में घरवालों को बताना चाहिए और घरवालों से खतरा महसूस हो तो इस बारे में पुलिस से शिकायत करें।

2- घरवालों को अगर अपने बच्चे के प्रेम प्रसंग की बात का पता चल जाए तो उसे डराने धमकाने के बजाए इस पर शांति से बात करें।

3- घरवालों को चाहिए कि वह अपनी बेटी या बेटे के साथ कट्टरता व सख्ती दिखाने की बजाए समस्या के समाधान में उनका सहयोग करें।

4- प्यार में पड़ने वाले युवक, युवती अगर आर्थिकतौर पर अपने घरवालों पर निर्भर हों तो घरवालों की मर्जी से ही कोई बड़ा काम करें। अगर आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हों तो किसी की हत्या करने से अच्छा है कि घर छोड़कर चले जाएं।

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