राजस्व महा-अभियान के 100 दिन पूर्ण : 75 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व महा-अभियान को निरंतर जारी रखने के दिये निर्देश 

भोपाल :प्रदेश में किसानों, ग्रामीणों और आमजनों के राजस्व विभाग से संबंधित मामलों के त्वरित निराकरण के लिये राजस्व महा-अभियान संचालित किया जा रहा है। इस महा-अभियान के सौ दिन पूर्ण हो गये हैं। इन सौ दिनों में 75 प्रतिशत से भी अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्व महा-अभियान की सफलता के लिये मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, राजस्व विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा जिला कलेक्टरों एवं संभागायुक्तों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने जनहित में इस महा-अभियान को निरंतर जारी रखने के निर्देश दिये हैं।

राजस्व महा-अभियान के अंतर्गत अभी तक किसानों को खसरा एवं बी-1 की 4.12 करोड़ नकलें नि:शुल्क वितरित की जा चुकी हैं। प्रदेश के स्थापना दिवस एक नवंबर, 2017 तक शेष किसानों को खसरा और बी-1 की नि:शुल्क नकलें उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। महा-अभियान के दौरान अब तक 2 लाख से अधिक पात्र आवासहीनों को आवासीय पट्टे वितरित कर दिये गये हैं। शेष आवासहीनों को 31 दिसंबर, 2017 तक शत-प्रतिशत पट्टा वितरण की कार्यवाही जारी है। अब तक राजस्व महा-अभियान में 3 लाख 5 हजार से भी अधिक अविवादित नामांतरण एवं बँटवारे के आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है।

राजस्व वर्ष 2016-17 में प्रदेश में 12 लाख 5 हजार 961 राजस्व प्रकरण दर्ज किये गये और 9 लाख 2 हजार 461 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस तरह लगभग 75 प्रतिशत राजस्व प्रकरणों का निराकरण अभी तक किया जा चुका है। महा-अभियान के अंतर्गत 2 वर्ष से अधिक अवधि के पुराने राजस्व प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण करने के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसकी समय-सीमा 31 मार्च, 2018 निर्धारित की गई है। राज्य शासन द्वारा भू-अर्जन की कार्यवाही में किसानों की ली गई भूमि की निर्विवादित भू-अर्जन राशि का दिसंबर 2017 तक वितरण सुनिश्चित का प्रयास किया जा रहा है। सीमांकन के प्रकरणों को तेजी से निपटाने के लिये एटीएस मशीन द्वारा ‘प्रथम आवेदन-प्रथम निराकरण’ व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है।

मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दूरस्थ अंचलों तक कार्यरत राजस्व न्यायालयों का आकस्मिक निरीक्षण कर रहे हैं। संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टर की टीम में राजस्व न्यायालयों के निरीक्षण में जुटी है। इसी कारण राजस्व प्रकरणों के निराकरण में काफी तेजी आई है, लोगों ने राहत महसूस की है, राजस्व प्रशासन में कसावट आई है, राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गुणवत्ता के साथ-साथ गति भी दिखाई दे रही है।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पिछले दिनों भोपाल में राजस्व विभाग की विस्तृत समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया था कि राजस्व संबंधी कार्य राज्य सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए राजस्व प्रशासन को सिटीजन फ्रेण्डली बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राजस्व प्रकरणों के निराकण की व्यवस्था को पारदर्शी और जन-कल्याणकारी बनाने के लिये नये सरल कानून बनाने, प्रक्रियाओं के सरलीकरण, राजस्व विभाग में रिक्त पदों पर समय-सीमा में भर्ती, राजस्व ग्रामों में कोटवारों की व्यवस्‍था, पटवारियों तथा अन्य राजस्व अमले के प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था, राजस्व विभाग में पदों के युक्तियुक्तकरण, नजूल के पट्टों के नवीनीकरण, नई बसाहटों का नजूल सर्वे और राजस्व न्यायालयों के लिये रीडरों का नया कैडर बनाने की कार्यवाही तेजी से जारी है। राजस्व निरीक्षण वृत्तों का पुर्नगठन भी किया जा रहा है और राज्य स्तर पर विधिक सलाह प्रकोष्ठ गठित किया जा रहा है। राजस्व न्यायालयों में संसाधन बढ़ाने के साथ-साथ अभिलेखों के संधारण के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम

राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व न्यायालयों की कार्य-प्रणाली का बेहतर एवं पारदर्शी तरीके से प्रबंधन करने के लिये रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। इस सिस्टम से नागरिकों को उपलब्ध वाद सूची से किसी तिथि पर नियत प्रकरण की जानकारी मिल जाती है। प्रकरण को सर्च कर उसके बारे में जानकारी ली जा सकती है। इसके साथ ही जिन प्रकरणों में निर्णय हो चुके हैं, उनके आदेश की कॉपी भी डाउनलोड की जा सकती है।

राजस्व मामलों के लिये ऑनलाइन सिस्टम ‘उत्तरा एप’ प्रभावशील

प्रदेश में राजस्व विभाग से संबंधित समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिये ‘उत्तरा एप’ बनाया गया है। इस एप के माध्यम से सीमांकन, बटाँकन, नामाँतरण, जाति प्रमाण-पत्र सहित अन्य आवेदन ऑनलाइन प्रस्‍तुत किये जा सकते हैं। प्राप्त आवेदनों को समय-सीमा में निराकृत कर आवेदन को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज भी इस एप से दिया जा रहा है।

इस एप के माध्यम से जिलों में राजस्व विभाग के लंबित, प्रचलित एवं निरस्त आवेदनों की स्थिति एक साथ देखी जा सकती है। लंबित आवेदनों के संबंध में जरूरी निर्देश संबंधित अधिकारियों को इस एप के माध्यम से दिये जा सकते हैं। प्रभारी अधिकारी भी इस एप से लंबित आवेदनों की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर उस पर जरूरी कार्यवाही कर रहे हैं। ‘उत्तरा एप’ में श्रेणीवार आवेदनों के डेश-बोर्ड के अतिरिक्त पटवारी के लिये भी डेश-बोर्ड दिया गया है।

Be the first to comment on "राजस्व महा-अभियान के 100 दिन पूर्ण : 75 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!