नई दिल्ली. एनडीए के राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन भर दिया. इस दौरान पीएम मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह और सुषमा स्वराज समेत कुल 48 नेता उनके प्रस्तावक बने. नामांकन भरने के बाद मीडिया से बात करते हुए कोविंद कहा कि जब से मैं राज्यपाल बना हूं तब से किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हूं. राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है. राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के प्रमुख होते हैं और सीमा की सुरक्षा सबसे अहम बात है. हमारे देश में संविधान सर्वोपरि है. इससे पहले कोविंद के समर्थन में एनडीए ने एक तरह का शक्ति प्रदर्शन किया और सभी बड़े नेताओं के अलावा 20 राज्यों के मुख्यमंत्री संसद भवन पुहंचे. इस दौरान कोविंद ने आडवाणी और मोदी के हाथ भी मिलवाए. कोविंद के पास बहुमत का समर्थन हैं और भाजपा विपक्षी धड़े में पहले ही सेंध लग चुकी है और जदयू उसके पाले में आ चुकी है. हालांकि लालू यादव ने नीतीश कुमार से अपना फैसला बदलने की अपील की लेकिन खबरों के अनुसार जदयू ने इसे ठुकरा दिया है
रामनाथ कोविंद: राष्ट्रपति पद की गरिमा बनाए रखने की पूरी कोशिश करूंगा

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