रावण दहन से पहले विवाद, ब्राह्मण समाज ने बताया प्रकांड पंडित

खंडवा– मध्य प्रदेश के खंडवा में रावण दहन के पहले विवाद खड़ा हो गया है। विवाद की वजह रावण के दसवें सिर गधे के मुँह से निकलने वाली ढेँचू- ढेंचू की आवाज है। दरअसल रावण के पुतले से गधे की आवाज निकालने का ब्राह्मण समाज ने विरोध किया। इसके बाद दशहरा उत्सव समिति को अपना निर्णय बदलना पड़ा। बता दें कि नवचंडी दशहरा उत्सव समिति 81 फीट ऊंचा फाइबर का रावण का पुतला बना रही है।

लेकिन इस बार वे पुतले के सिर पर गधा बना रहे थे। जो चारों दिशाओं में घूमकर ढेंचू-ढेंचू की आवाज निकालता।

 

इसकी जानकारी मिलने पर सर्व ब्राह्मण समाज एवं सर्व ब्राह्मण युवा परिषद ने आपत्ति जताई। शहर के ब्राह्मण समाज को यह बात नागवार गुजर रही है। उन्होंने रावण को प्रकांड पंडित बताया और कहा कि इस तरह सिर पर गधे को बैठाकर मजाक नहीं उड़ाया जा सकता है। ब्राह्मण समाज ने कलेक्टर कार्यालय में नवचंडी उत्सव समिति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। और सर्व ब्राह्मण युवा परिषद ने जिला कलेक्टर के नाम खंडवा एसडीएम शाश्वत शर्मा को ज्ञापन सौंपा।

परिषद का तर्क है कि रावण ब्राह्मण थे और चारों वेदों के प्रकांड पंडित भी। उनके एक कुकर्म से उन्हें हर साल जलाया जाता है, किंतु उनका इस प्रकार से अपमान सहन नहीं करेंगे। हम इसकी घोर निंदा करते हैं।

वहीँ नवचंडी उत्सव समिति के आयोजक बाबा गंगाराम का कहना है कि, रावण का दसवाँ सिर गधे के रूप में था । यही गधा दशहरे के दिन अट्टहास करता लेकिन यदि उनके इस तरह के नए प्रयोग से किसी की भावना को ठेस पहुंचती हैं तो इसमें बदलाव कर सामान्य तरीके से रावण दहन किया जाएगा।

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