भोपाल : वन्य-प्राणी सप्ताह में आज वन विहार में वन्य-प्राणी थीम पर आकर्षक रंगोली प्रतियोगिता हुई। कक्षा-1 से 8 तक के विद्यार्थियों ने मध्यप्रदेश में पायी जाने वाली तितलियाँ और खुले वर्ग के प्रतिभागियों ने मध्यप्रदेश के कम पहचाने जाने वाले वन्य-जीव-पेंगोलिन, सेही, ज्यांट स्क्वीरल, घड़ियाल, केमेलियान, मूनमॉथ, नीलकंठ, दूधराज, सोनकुत्ता, ग्रीन ब्रीईटर, माउस डियर, सेंडबोआ आदि विषय पर 203 प्रतिभागी ने रंगोली बनायी।
विश्व प्रकृति निधि भारत के सहयोग से हुई विद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता में 28 विद्यार्थी ने भाग लिया। प्रतियोगिता का विषय ‘संरक्षित क्षेत्रों में बढ़ता पर्यटन वन्य-प्राणी संरक्षण के लिये घातक है” था।
आज भी पक्षी अवलोकन शिविर में 91 पक्षी-प्रेमियों और बच्चों ने जोश और उमंग के साथ भाग लिया। सहायक संचालक श्री पी.के. घई ने पक्षी अवलोकन के मूल नियमों से अवगत करवाने के साथ ही वन विहार में पाये जाने वाले प्रमुख पक्षियों की भी जानकारी बर्ड-वॉचर्स को दी। रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ डॉ. सुरेन्द्र तिवारी, मो. खालिक और सुश्री संगीता राजगीर भी पूरे समय बच्चों का ज्ञानवर्द्धन करते रहे।
शिविर में बच्चों ने किंगफिशर, वूली नेक स्टार्क, खंजन, कारमोरेंट, लेसर व्हिसलिंग टील, पेरिया काइट, रेड मुनिया, चातक बुलबुल, अबाबील आदि पक्षियों को देखा और जानकारी ली। वहीं पक्षी-प्रेमियों ने इसे जीवन का अनूठा अनुभव बताया।
5 अक्टूबर के कार्यक्रम
दिनांक 5 अक्टूबर को सुबह 10 से 12 बजे तक जूनियर, सीनियर और ओपन ग्रुप के लिये तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता होगी। एक बजे से ‘पर्यावरण संरक्षण विकासशील राष्ट्रों की जिम्मेदारी है” पर महाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी।
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