विश्वविद्यालय और महाविद्यालय नये शोध की ओर बढ़ें

उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया निजी वि.वि. विनियामक आयोग के स्थापना दिवस समारोह में

भोपाल :उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय नये शोध कर नवाचार की ओर बढ़ें। आज के युग में रोजगारयुक्त शिक्षा की जरूरत है। श्री पवैया मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के 8वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस आत्म-चिंतन का और अभी तक किये गये कार्यों के आकलन का दिन होता है।

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मंत्री श्री पवैया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में समाज की भागीदारी के बिना लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश के लिये गौरव की बात है कि 23 विश्वविद्यालय प्रदेश में स्थापित हुए हैं। अन्य प्रदेश के लिये यहाँ आकर्षण बढ़ा है। विश्वविद्यालयों को आकर्षण के साथ गुणवत्ता बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा।

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श्री पवैया ने कहा कि कोशिश है कि कक्षा में पढ़ा रहे शिक्षक की मॉनीटरिंग के लिये विशेषज्ञों का एक पैनल तैयार हो, जो प्रिंसिपल के साथ बैठकर उनको सकारात्मक सलाह दें। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों की उपस्थिति का प्रतिशत भी अधिक होना चाहिये।

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श्री पवैया ने कहा कि विश्वविद्यालय में कौशल विकास की दृष्टि से हाथों को रोजगार मिले, इसके लिये प्रयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि संस्था के प्रधान अथवा संचालक परिसर के वातावरण का चिंतन करें। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा चाही गयी जानकारी को समय पर दें। इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और समाज में छात्रों का सम्मान बढ़ेगा।

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नेहरू युवा केन्द्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आयोग का गठन निजी विश्वविद्यालय को रेगुलेट करने के लिये किया गया है। निजी विश्वविद्यालयों को गरीब प्रतिभावान छात्र की भी चिंता करनी होगी। उनको भी अग्रणी बनाकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी तय करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को छात्रों की आवश्यकता के अनुसार अपनी भूमिका अदा करना होगी।

कार्यक्रम में ‘याद करो कुर्बानी” पुरस्कार वितरण समारोह भी रखा गया था। इसमें समन्वयकों का सम्मान एवं विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये गये। समारोह में 11 यूनिवर्सिटी के बच्चों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही आयोग के 9 पूर्व सदस्य का सम्मान भी किया गया। समारोह में 11 निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों तथा कुलसचिवों और 3 विशेष सम्मान भी दिये गये। सम्मान-स्वरूप मेडल, प्रमाण-पत्र, शॉल-श्रीफल, स्मृति-चिन्ह इत्यादि दिये गये।

आयोग के अध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार पांडे ने स्वागत भाषण दिया और श्रीमती चित्रलेखा चौहान ने आभार माना।

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