नई दिल्ली। केन्द्र सरकार शीतकालीन सत्र में तीन तलाक खत्म करने के लिए विधेयक पेश कर सकती है। इससे पहले तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने बैन कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक के खिलाफ फैसले को और भी प्रभावी तरीके से बनाने के लिए केंद्र सरकार इस मामले को आगे बढ़ा रही है और इसके खिलाफ कानून लाने की तैयारी में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जा रहा है कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए इस पर कानून बनाने का विचार कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए सरकार ने मंत्रियों के समिति का गठन किया है जो कानून का मसौदा तैयार करेगी। मुमकिन है सरकार शीतकालीन सत्र में इस पर विधेयक लाकर चर्चा करवा सकती है, ताकि अन्य पार्टियों से सलाह मशविरा के बाद विधेयक को कानून का रूप दिया जा सके। आपको बतादें कि अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ के तीन जजों ने तीन तलाक़ को असंवैधानिक बताया था।
तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा था कि इस मुद्दे पर संसद और केंद्र सरकार सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है और उन्हें इस पर कानून बनाना चाहिए। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने इसके लिए केंद्र सरकार को छह महीने का समय भी दिया था। अदालत ने कहा था कि तीन तलाक़ से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी बीते दिनों तीन तलाक़ के मामले सामने आये हैं।
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