नयी दिल्ली/लखनऊ : पिछले तीन महीने से समाजवादी पार्टी में मचे घमसान के बीच शुक्रवार को पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने ही बेटे अखिलेश यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया. अखिलेश के साथ ही मुलायम ने रामगोपाल यादव को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस दौरान मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के बीच काफी नजदीकियां देखने को मिली. मुलायम ने आज पार्टी के विधायकों की आपात बैठक बुलायी है, जबकि दूसरी को रामगोपाल यादव ने पार्टी का महासम्मेलन बुलाया है.
इस बीच आज आजम खान की पहल पर मुलायम, अखिलेश व शिवपाल की हुई बैठक में सुलह हुई और अखिलेश-रामगोपाल का निष्कासन रद्द हो गया.
यादव परिवार में इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के बीच एक ईमेल लीक हुआ है. इस ईमेल की मानें तो समाजवादी पार्टी के इस घटनाक्रम को अखिलेश की छवि चमकाने वाला स्टैंड कहा जा सकता है. यह ईमेल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और काफी शेयर किया जा रहा है. मेल में मुलायम से कुछ इस प्रकार की पारिवारिक परिस्थिति पैदा करने को कहा गया है, जिससे अखिलेश की छवि चमके और उन्हें आने वाले समय में पार्टी के मुखिया के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा सके.
भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह भी इसे अखिलेश की इमेज चमकाने वाला कदम बता रहे हैं. सत्यपाल ने कहा कि मोदी जी ने देशभर में ऐसा माहौल बना दिया है कि कोई भी गुंडा तत्व राजनीति में नहीं आ पायेगा. ऐसे में समाजवादी पार्टी भी अपने अंदर मौजूद गुंडा तत्वों को पार्टी से बाहर करने के लिए इस प्रकार के कदम उठा रही है. ऐसे में यह महज एक पारिवारिक ड्रामा लग रहा है. अखिलेश के घर के बाहर पार्टी विधायकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है.
मुलायम का यह कदम कहीं अखिलेश की छवि चमकाने के लिए तो नहीं?
लीक हुई मेल की बात करें कि इसमें सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को ऐसे पारिवारिक परिस्थिति पैदा करने की सलाह दी गयी है, जिससे अखिलेश की छवि चमक जाये और उन्हें पार्टी के नये नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जा सके. साथ ही शिवपाल यादव की इमेज विलेन जैसी हो जाये और वे पार्टी के अंदर अलग-थलग पड़ जायें. लीक हुई मेल स्टीव जारडिंग ने किसी अद्वैत नाम के व्यक्ति को लिखा है. इसी मेल में उक्त सलाह दी गयी है. सूत्रों की मानें तो स्टीव अखिलेश यादव के चुनावी कैंपेन को डील कर रहे हैं, जबकि अद्वैत स्थानीय स्तर पर पार्टी की प्रचार गतिविधियों की निगरानी करते हैं.
अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या मुलायम को शुक्रवार को फैसला महज एक दिखावा है और आने वाले दिनों में अखिलेश यादव को फिर से पार्टी में शामिल कर लिया जायेगा और उन्हें पार्टी की कमान भी सौंप दी जायेगी. ऐसे में शिवपाल यादव का क्या होगा? क्या शिवपाल भी यादव परिवार के इस खेल में शामिल हैं या मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव उन्हें सिर्फ एक मुहरे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं? आज सुबह अखिलेश यादव के आवास पर 200 से अधिक विधायक बैठक में शामिल होने के लिए जमा हो गये हैं. सूत्रों का कहना है कि ये 208 विधायक पूरी तरह अखिलेश के समर्थन में हैं. वे किसी भी परिस्थिति में मुलायम के साथ नहीं जायेंगे. ऐसे में 403 सीटों वाली विधानसभा में अखिलेश के पास बहुमत का संकट उत्पन्न नहीं होगा.
क्या टूट जायेगा समाजवादी कुनबा या पहले की तरह संभाल लेंगे मुलायम?
इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या समाजवादी पार्टी सच मे टूट जायेगी या पिछले घटनाक्रमों की तरह इस बार भी मुलायम सिंह यादव इसे संभाल लेंगे और सब ठीक हो जायेगा. आज ही मुलायम ने पार्टी के पार्लियामेंटरी बोर्ड की बैठक बुलायी है. उस बैठक में मौजूदा विधायकों के भी शामिल होने की संभावना है. सूत्रों को कहना है मुलायम इस बैठक में पार्टी के नये नेता का चुनाव करेंगे और नये मुख्यमंत्री को भी प्रस्तावित करेंगे. शुक्रवार को ही पार्टी के चुनाव चिह्न पर दोनों ओर से जोरदार दावे किये गये हैं. यादव परिवार की इस लड़ाई में अमर सिंह भी कूद पड़े हैं. उन्होंने इसे अप्रत्याशित घटना बताया और कहा कि वे हर परिस्थिति में वे मुलायम सिंह यादव के साथ हैं.
आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार राजनीति में रमा हुआ है. ऐसे में परिवार का राजनीतिक पतन खतरनाक साबित हो सकता है. इन सब के बीच बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि ये सब पॉलिटिकल ड्रामा है. अंत में मुलायम अखिलेश यादव को पार्टी की कमान दे देंगे और कहेंगे कि उन्होंने जनता की बात सुनी.
प्रभात खबर डॉट कॉम लीक मेल की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
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